Sourav Joshi Viral Video: उत्तराखण्ड और हल्द्वानी को पहचान दिलाने की बचकानी बातें करने वाले सौरभ यह भी जान लें कि जिस फेसबुक पर अधिकतम देखी जाती है उनकी विडियो, उसके फाउंडर भी आ चुके हैं उत्तराखंड, नीम करौली बाबा में है अगाध श्रद्धा….
“दौलत और शोहरत हर किसी को नहीं पचती।” बड़े बुजुर्गो की यह चंद शब्दो की कहावत देश के नंबर वन यूट्यूब ब्लागर के रूप में अपनी पहचान बना चुके सौरभ जोशी पर बिल्कुल सटीक बैठती है। जी हां… जिस उत्तराखण्ड ने उन्हें इतना मान सम्मान दिया, जिस हल्द्वानी शहर ने उन्हें खुद की एक पहचान दिलाई। आज उसी उत्तराखण्ड और हल्द्वानी के बारे में उनके विचार जानकर न सिर्फ हैरानी होती है बल्कि ऊपर लिखी कहावत भी सही लगती है। ब्लागर सौरभ जोशी की इस वायरल विडियो को अब तक आपने भी देख लिया होगा। विडियो देखकर एक ओर तो आपकी हंसी छूट रही होगी तो दूसरी ओर यह सवाल भी आपके जेहन में जरूर तैर रहे होंगे कि क्या उत्तराखण्ड इतनी पिछड़ी हुई जगह है कि उसे अब कोई यूट्यबर पहचान दिलाएगा। शायद सौरभ जोशी को पता भी नहीं कि जिस फेसबुक पर उनकी विडियो लोगों द्वारा देखी जाती है उसके फाउंडर मार्क जुकरबर्ग की भवाली स्थित नीम करौली बाबा के कैंची धाम में अगाध आस्था है। बाबा के दरबार में वह मत्था टेकने आते हैं।
(Sourav Joshi Viral Video)
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अरे देवभूमि के नाम से पहचानी जाने वाली भारत की इस पवित्र धरा का वर्णन तो प्राचीनतम वेद पुराणों में भी मिलता है। सतयुग हो, द्वापर हो या त्रेतायुग बड़े बड़े महाकाव्यों में जहां इसे पावन क्षेत्र के नाम से संबोधित किया गया है वहीं हमेशा से ही ऋषियों महर्षियों की यह तपोभूमि रहा है। इस धरा ने वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली, पं• गोविंद बल्लभ पंत, सुमित्रानंदन पंत, सीडीएस बिपिन रावत, जनरल बी•सी• जोशी जैसे कई प्रभावशाली व्यक्तित्वों को जन्म दिया है जिन्होंने हमेशा ही उत्तराखंड का गौरव बढ़ाया है। गढ़वाल मंडल में स्थित चारोंधाम जहां देवभूमि की शोभा बढ़ाते हैं वहीं पूर्णागिरी, कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग, छोटा कैलाश, ऊं पर्वत जैसे पवित्र तीर्थस्थल हमेशा से ही श्रृद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करते रहे हैं। बात अगर हल्द्वानी की ही करें तो नैनीताल जिले में आने वाला यह शहर अंग्रेजों द्वारा 1834 में बसाया गया था। अंग्रेजों ने ही न केवल काठगोदाम तक रेल पहुंचाई बल्कि तत्कालीन ग्रीष्मकालीन राजधानी नैनीताल जाने के लिए भी अंग्रेज हल्द्वानी सड़क मार्ग से ही गुजरते थे। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन जैसी बड़े सितारे शेरवुड जैसे नामचीन स्कूलों तक पहुंचने के लिए हल्द्वानी की सड़कों से होकर ही जाते थे। ऐसे में कुछ ही वर्षों में पहचान बनाने वाले एक यूट्यबर का यह बयान कितना हास्यास्पद है इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
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वीरभूमि के नाम से पहचानी जाने वाली इस धरा के कई वीर सपूतों ने न केवल आजादी की लड़ाई के दौरान बल्कि कारगिल जैसे कई युद्धों में भी दुश्मनों के दांत खट्टे करते हुए अपना सर्वोच्च भी बलिदान दिया है। उन्होंने कभी भी मां भारती की रक्षा में कोई आंच नहीं आने दी। ऐसे में आजकल के यूट्यबरों द्वारा उत्तराखण्ड को पहचान दिलाने की बात करना सूरज को दिया दिखाने के समान ही है। दरअसल नैनीताल जिले के हल्द्वानी में रहने वाले ब्लागर सौरभ जोशी ने बीते रोज वायरल हुए एक विडियो में कहा था कि उनकी वीडियो के जरिए ही लोग उत्तराखंड को जान रहे हैं और हल्द्वानी को पहचान रहे हैं। इससे पहले उत्तराखंड और हल्द्वानी को कोई नहीं जानता था। बता दें कि सौरभ जोशी की यह वीडियो जहां सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है वहीं इससे लोगों में भारी गुस्सा भी देखने को मिल रहा है। लोगों द्वारा मेमे और कमेंट्स के माध्यम से अपना गुस्सा बयां किया जा रहा है। कमेंट्स में लोगों द्वारा सौरभ जोशी पर पहाड़ों में आजकल बानरों और ब्लागरों का ही आंतक है, जैसे कोलंबस ने अमेरिका, वास्कोडिगामा ने भारत की खोज की, वैसे ही सौरभ जोशी ने 2014 में उत्तराखण्ड और हल्द्वानी की खोज की, जैसे कटाक्ष कर उन्हें उत्तराखण्ड का वास्कोडिगामा बताया जा रहा हैं।
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