Uttarakhand pregnant women news: सड़क तक पहुंचने के चढ़नी पड़ी दो किलोमीटर की चढ़ाई, बीच जंगल में हुआ प्रसव, अस्पताल पहुंचने पर हो गई महिला और एक नवजात शिशु की मौत….
उत्तराखण्ड को अलग राज्य बने भले ही 22 साल हो चुके हों परन्तु राज्य के अधिकांश पर्वतीय क्षेत्रों में समस्याएं अभी तक जस की तस बनी हुई है। राज्य के कई हिस्सों में जहां अभी तक सड़कों का अभाव है वहीं स्वास्थ्य सेवाओं का हाल तो राज्य के सभी पर्वतीय क्षेत्रों में बेहद ही खराब है। जिसका खामियाजा पहाड़ की भोली भाली जनता को भुगतना पड़ रहा है। इसका अंदाजा आए दिन सामने आने वाली दुखद खबरों से आसानी से लगाया जा सकता है। ऐसी ही एक खबर आज राज्य के नैनीताल जिले के ओखलकांडा ब्लाक क्षेत्र से सामने आ रही है, जहां कड़ाके की ठंड में सुबह तड़के जंगल में दो जुड़वां बच्चों को जन्म देने के कुछ ही देर बाद प्रसूता महिला और एक नवजात शिशु की मौत हो गई। बताया गया है कि प्रसूता महिला अपने पति के साथ गाजियाबाद में रहती थी और हाल ही में अपने गांव आई थी। इस दुखद खबर से जहां मृतका के परिवार में कोहराम मचा हुआ है वहीं समूचे क्षेत्र में शोक के साथ ही जनप्रतिनिधियों के खिलाफ रोष व्याप्त है। बताया गया है कि प्रसव होने से पहले प्रसूता लगभग दो किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़कर आई थी।
(Uttarakhand pregnant women news)
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के नैनीताल जिले के ओखलकांडा ब्लाक के चमोली गांव निवासी देव सिंह चिलवाल की 26 वर्षीय पत्नी विमला चिलवाल इन दिनों गर्भवती थी। बताया गया है कि बीते रोज तड़के चार बजे उसे प्रसव पीड़ा होने लगी, जिस पर परिजनों ने 108 में फोन कर घटना की सूचना दी। विमला के ससुर हरक सिंह चिलवाल के मुताबिक उनका घर सड़क से दो किलोमीटर नीचे है। 108 में फोन करने के तुरंत बाद वह अपनी पत्नी और बेटे के साथ अपनी बहू को लेकर सड़क की ओर रवाना हुए। तड़के हुई प्रसव पीड़ा के कारण संसाधनों के अभाव में उनकी बहू विमला पैदल ही सड़क की ओर पथरीली चढ़ाई चढ़ने लगी। परंतु चढ़ाई अधिक होने के कारण बीच जंगल में ही विमला का प्रसव हो गया। विमला ने दो जुड़वां बच्चों को जन्म दिया, जिसके बाद परिजन उसे लेकर सड़क पर आ गए। जिसके बाद उसे 108 की मदद से करीब 36 किलोमीटर दूर स्थित ओखलकांडा के स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां कुछ ही देर बाद विमला और उसके एक बच्चे की मौत हो गई। जबकि दूसरे नवजात शिशु को परिजनों ने सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी में भर्ती कराया है। इस संबंध में पीएचसी ओखलकांडा में तैनात प्रभारी चिकित्सक डॉक्टर एसपी सिंह ने आंशका जताई है कि रास्ते में प्रसव के दौरान अधिक रक्तस्राव एवं हाइपोथर्मिया होने से प्रसूता और नवजात शिशु की मौत हुई हों।
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