उत्तराखण्ड
उत्तराखंड: पहाड़ में बड़ा बवाल बाबा ने खुद को उड़ा दिया गोली से पूरे क्षेत्र में हड़कंप
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Champawat news today: सनसनीखेज खबर से पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल, चर्चा का विषय आखिर एक साधु के पास कहां से आया तमंचा, पुलिस भी हैरान, पुलिस सत्यापन की कार्रवाई पर भी लग रहे सवालिया निशान…
आमतौर पर हमारे समाज, प्राचीन ग्रंथों एवं कथाओं में संन्यासी को सबसे अधिक तनाव मुक्त एवं सुखी माना जाता है। परंतु इन दिनों जहां लगातार एक और धार्मिक गुरूओं, गेरूआ वस्त्र धारी बाबाओं के अपराधों में फंसने की खबरें सामने आती रहती है वहीं अब एक संन्यासी द्वारा आत्महत्या करने की खबर राज्य के चम्पावत जिले से सामने आ रही है। वैसे घर गृहस्थी से जुड़े लोगों द्वारा आत्महत्या करने की घटनाएं तो लगातार ही सामने आती रहती है परन्तु चम्पावत जिले से एक साधु द्वारा आत्महत्या करने की खबर से जहां समूचे क्षेत्र में दहशत का माहौल है वहीं यह खबर क्षेत्र में चर्चाओं का विषय भी बनी हुई है।
बताया गया है कि साधु बाबा ने खुद को गोली मारकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस विभाग की टीम ने जहां मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है वहीं पुलिस को घटनास्थल से एक तमंचा भी बरामद हुआ है। बताया जा रहा है कि बाबा ने इसे तमंचे से खुद को गोली मारी। ऐसे में इस सवाल से पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है कि एक साधु के पास तमंचा कहा से आया। पहाड़ की शांत वादियों से जुड़ा मामला होने के कारण यह बात जहां काफी गंभीर है वहीं इसने आम जनता के साथ ही पुलिस को भी हैरान परेशान कर दिया है। ऐसे में पुलिस विभाग की सत्यापन कार्यवाही पर भी सवालिया निशान लगना लाजमी है।
(Champawat news today)
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प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के उत्तर प्रदेश के लखनऊ उतरेहा गहनदो निवासी सौरभ तिवारी उर्फ स्वामी ध्यान योगी पुत्र भंगोली प्रसाद तिवारी, चम्पावत जिले के चल्थियां में छोटा सा आश्रम बना रहे थे। बताया गया है कि इन दिनों वह चम्पावत जिला मुख्यालय से 85 किलोमीटर दूर पाताल रुद्रेश्वर गुफा क्षेत्र में स्थित वारसी गुफा में रह रहे थे। बीते रोज उन्होंने वारसी गुफा के पास खुद को गोली मारकर जान दे दी।
इस संबंध में वारसी गुफा के बाबा वीरेंद्र गिरी का कहना है कि स्वामी ध्यान योगी सात दिन से गुफा में उनके साथ रह रहे थे। स्वामी रोज देर तक मोबाइल से बात करते थे। उन्होंने स्वामी ध्यान योगी के तनाव ग्रस्त होने की बात स्वीकारते हुए इसे आत्महत्या बताया है। हालांकि तहकीकात करने पुलिस को भी घटनास्थल से एक बिना हस्ताक्षर वाला सुसाइड नोट बरामद हुआ है जिसमें अपनी मौत के लिए खुद को जिम्मेदार बताने के साथ ही रुद्रेश्वर धाम स्थित शिव मंदिर में समाधि बनाने की अपनी अंतिम इच्छा बताई है। इस संबंध में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि प्रथमदृष्ट्या मामला आत्महत्या का लग रहा है, फिर भी पुलिस मामले की हर पहलू से जांच करेगी।
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