Sangeeta Bisht JRF Uttarakhand: गौरवान्वित पल, संगीता ने आल इंडिया लेवल पर हासिल की तीसरी रैंक, बिना किसी कोचिंग के पाई सफलता, सैन्य परिवार से रखती है ताल्लुक….
राज्य की होनहार बेटियां आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। अपनी काबिलियत के दम पर सफलता के ऊंचे ऊंचे मुकाम हासिल करने वाली राज्य की इन होनहार बेटियों की अभूतपूर्व सफलताओं से हम आपको आए दिन रूबरू कराते रहते हैं। इसी कड़ी में आज हम आपको राज्य की एक और ऐसी ही होनहार बेटी से रूबरू कराने जा रहे हैं जिसने अपनी कड़ी मेहनत और लगन के बलबूते समूचे उत्तराखण्ड का मान बढ़ाया है। जी हां… हम बात कर रहे हैं मूल रूप से राज्य के चंपावत जिले के लोहाघाट क्षेत्र के राइकोट ग्राम सभा की रहने वाली संगीता बिष्ट की, जिन्होंने नेट जेआरएफ़ की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। सबसे खास बात तो यह है कि संगीता ने मेरिट सूची में समूचे देश में तीसरी रैंक हासिल की है। संगीता की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं समूचे क्षेत्र में भी खुशी की लहर है और उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।
(Sangeeta Bisht JRF Uttarakhand)
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प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के चम्पावत जिले के लोहाघाट क्षेत्र के राइकोट ग्राम सभा की रहने वाली संगीता बिष्ट ने नेट जेआरएफ की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। मनोविज्ञान विषय से यह उपलब्धि हासिल करने वाली संगीता को आल इंडिया लेवल पर तीसरी रैंक हासिल हुई है। बता दें कि अपनी प्रारम्भिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय लोहाघाट से प्राप्त करने वाली संगीता ने दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया है। वर्तमान में वह मद्रास यूनिवर्सिटी में चौथे सेमेस्टर की छात्रा हैं। सबसे खास बात तो यह है कि अपनी चौथे सेमेस्टर की पढ़ाई के साथ ही संगीता ने यह अभूतपूर्व उपलब्धि बिना किसी कोचिंग के हासिल की है। बताते चलें कि एक सैन्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली संगीता के पिता मोहन सिंह बिष्ट जहां पूर्व सैनिक है वहीं उनकी मां विमला देवी एक कुशल गृहिणी हैं। संगीता ने अपनी इस अभूतपूर्व उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता एवं गुरूजनों को दिया है। अपनी इस अभूतपूर्व उपलब्धि पर संगीता का कहना है कि अब उनका लक्ष्य भविष्य में सिविल सर्विसेज परीक्षा उत्तीर्ण कर आम जनमानस की सेवा करना है।
(Sangeeta Bisht JRF Uttarakhand)
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