Nainital latest news today: बैंक से पैसे निकालकर लौट रही थी आमा, तभी रास्ते में घेर लिया बंदरों के झुंड ने, पर्स लेकर भाग गया एक उत्पाती बंदर, छः दिन बाद जंगल में मिला सुरक्षित…
राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में जंगली जानवरों का आतंक लगातार बढ़ता ही जा रहा है। बाघ, तेंदुए, गुलदार और अन्य जानवरों के साथ ही बंदर भी न केवल पहाड़ में उत्पात मचाकर लोगों की फसलों को बर्बाद करने का काम कर रहे हैं बल्कि ग्रामीणों पर हमला भी बोल रहे हैं। बात बंदरों की करें तो पहाड़ में बंदर लोगों के घरों से सामान उठाने में भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। बंदरों द्वारा मचाए गए उत्पात की ऐसी ही एक खबर आज राज्य के नैनीताल जिले के सुयालबाड़ी क्षेत्र से सामने आ रही है जहां बैंक से पैसे निकालकर अपने घर आ रही एक बुजुर्ग आमा का पर्स बंदर छीनकर भाग गया। बताया गया है कि पर्स में बैंक से निकाले हुए 11 हजार रूपए भी थे, जिससे आमा की सांसें अटक गई। उन्होंने घटना की जानकारी गांव के अन्य लोगों को दी। काफी खोजबीन के बाद आखिरकार आमा का पर्स जंगल से बरामद हो गया है। जिसमें रूपए भी सुरक्षित है। अब इसे चमत्कार कहें या फिर ग्रामीणों की मेहनत का फल, बहरहाल जो भी हों फिलहाल पर्स के साथ रूपए वापस मिल जाने से बुजुर्ग आमा काफी खुश हैं और ग्रामीणों का धन्यवाद अदा करते नहीं थक रही है।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के नैनीताल जिले के सिरसा गांव निवासी 85 वर्षीय सरस्वती देवी बीते दिनों अपने खाते से पैसे निकालने सुयालबाड़ी स्थित क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक पहुंची थी। बताया गया है कि खाते से करीब 11 हजार रूपए निकालने के बाद बुर्जुग आमा अपने घर की ओर लौटने लगी। इसी दौरान रास्ते में एक जगह उन्हें बंदरों के एक झुंड ने घेर लिया। आसपास के लोगों द्वारा हो हल्ला मचाने पर बंदरों का झुंड तो वहां से रफूचक्कर हो गया परंतु उनमें से एक उत्पाती बंदर आमा का पर्स लेकर भाग गया। पर्स में बैंक से निकाले हुए 11 हजार रूपए भी थे। जिस पर आमा ने लोगों को इसकी जानकारी दी और काफी इंतजार के बाद भी जब कोई खबर नहीं मिली तो वह अपने घर की ओर चली गई। बीते रोज अल्मोड़ा निवासी सुनील गोस्वामी ने दूरबीन से पहाड़ी का जायजा लिया तो करीब सौ मीटर ऊपर तीखी पहाड़ी पर एक थैला नजर आया। जिसका रंग आमा द्वारा बताए गए पर्स के समान ही नजर आ रहा था। जिस पर स्थानीय ग्रामीण बालमुकुंद जीना व रमेश बिष्ट ने पहाड़ी पर चढ़ थैला वापस लाए और आमा को इसकी सूचना दी। जिसके बाद आमा ने पर्स की पहचान की। तदोपरांत पर्स में रखी धनराशि आमा को लौटाई गई। रूपयों सहित पर्स वापस मिल जाने से जहां बुजुर्ग आमा काफी खुश हैं वहीं यह खबर पूरे क्षेत्र में चर्चाओं का हिस्सा बनी हुई है।
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