anadolu yakası escort - bursa escort - bursa escort bayan - bursa bayan escort - antalya escort - bursa escort - bursa escort -
istanbul escort - istanbul escorts -
ümraniye escort - bursa escort - konya escort - maltepe escort - eryaman escort - antalya escort - beylikdüzü escort - bodrum escort - porno izle - istanbul escort - beyliküdüzü escort - ataşehir escort - van escort -
Connect with us
Uttarakhand: Chandan nayal of nai okhalkanda nainital has planted 1 lakh trees, constructed 5 thousand locks. Chandan Nayal Okhalkanda Uttarakhand

उत्तराखण्ड

नैनीताल

Chandan Nayal Okhalkanda Uttarakhand: पर्यावरण प्रेमी चंदन नयाल लगा चुके हैं 1 लाख से ज्यादा पेड़ 5 हजार चाल खालो का किया निर्माण

Chandan Nayal Okhalkanda Uttarakhand: इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कर चंदन संभाल रहें पहाड़, नौकरी छोड़ चुनी जल और जंगल को संरक्षित करने की कठिन राह….

“कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों…!” इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है कि पहाड़ के प्रकृति प्रेमी एक युवा ने। जी हां… हम बात कर रहे हैं मूल रूप से राज्य के नैनीताल जिले के ओखलकांडा ब्लाक क्षेत्र के नाई गांव के रहने वाले चंदन नयाल की, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत, सकारात्मक सोच और लगन के बलबूते आज के समय में एक ऐसा मुकाम हासिल किया है जिसके लिए चंदन की जितनी भी सराहना की जाए तो कम हैं। आज के समय में जब कि पहाड़ों में जंगल काफी कम हो ग‌ए हैं। बड़ी मात्रा में पेड़ों और वनों का दोहन हो रहा है और लोग अपनी जरूरत के लिए अधिक से अधिक पेड़ों को काट रहे हैं, जंगलों में आग लगा रहे हैं। ऐसी विपरीत परिस्थितियों में चंदन ने अपने अथक प्रयासों से पिछले दस साल में बांज के 53 हजार पौधे खुद और करीब 60 हजार पौधे लोगों के सहयोग से लगाकर बांज का एक घना जंगल तैयार किया है। इतना ही नहीं जल संचय करने के लिए उन्होंने अपने साथियों की मदद से चाल-खाल, खंतियां और छोटे-छोटे पोखर भी तैयार किए हैं जिनकी संख्या भी पांच हजार से अधिक है।
(Chandan Nayal Okhalkanda Uttarakhand)

यह भी पढ़ें- पर्यावरण प्रेमी -पहाड़ के चन्दन नयाल ने किया अपने को पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्पित

बात अगर चंदन के व्यक्तिगत जीवन की करें तो मूल रूप से राज्य के नैनीताल जिले के ओखलकांडा ब्लाक क्षेत्र के नाई गांव के तोक चामा निवासी चंदन नयाल एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं। हरगोविंद सुयाल इंटर कॉलेज नैनीताल से अपनी 12वीं तक की शिक्षा प्राप्त करने वाले चंदन ने राजकीय पालीटेक्निक कालेज लोहाघाट से इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है। तत्पश्चात कुछ समय तक निजी कंपनियों में नौकरी करने के पश्चात उन्होंने कुछ तक बतौर शिक्षक रूद्रपुर के एक सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल में भी सेवाएं दी। परंतु बचपन से पहाड़ से लगाव होने के कारण मैदानी क्षेत्रों और शहरों से उनका मोह भंग हो गया। जिस पर वह नौकरी छोड़कर अपने गांव आ ग‌ए। गांव में गर्मियों के समय में जंगलों में लगने वाली आग के कारण वह व्यथित रहने लगे और उन्होंने शुरुआत में जहां गांव के लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का संकल्प लिया वहीं इसके बाद वह अपने आस-पास के क्षेत्रों में बांज और बुरांश के पेड़ लगाने लगे। इसी तरह पहाड़ में नौलों एवं धारों को सूखता देखकर उनके मन में जल संरक्षण की प्रेरणा जाग्रत हुई।
(Chandan Nayal Okhalkanda Uttarakhand)

यह भी पढ़ें- Rekha Bisht Dwarahat Almora: उत्तराखंड: ग्राम प्रधान रेखा बिष्ट ने बदली अपने गांव की तस्वीर बनाया स्मार्ट सिटी देखें तस्वीरें

देवभूमि दर्शन से खास बातचीत:-

इस संबंध में हुई देवभूमि दर्शन से हुई खास बातचीत में चंदन ने बताया कि बांज के पेड़ आसपास के क्षेत्र की नमी को पूरा कर अन्य प्रजातियों के संरक्षण में योगदान देते हैं, इतना ही नहीं चौड़ी पत्ती के वृक्ष जैसे बांज-बुरांश के पेड़ भूस्खलन रोकने और जल सरंक्षण में मददगार होते हैं। उन्होंने जंगल में आग लगने पर उसे फैलने से रोकने एवं जल संचय के उद्देश्य से जगंलों में चाल-खाल भी बनाए बनाए हैं। जो बारिश और झरनों का पानी न केवल संचित करते हैं बल्कि फायर सीजन के दौरान जंगल की आग को रोकने और बुझाने में भी काफी मददगार साबित होते हैं। सबसे खास बात तो यह है कि जल संरक्षण की दिशा में बेहतर काम करने के लिए चंदन को जल शक्ति मंत्रालय की ओर से दो साल पहले वाटर हीरो सम्मान से भी नवाजा जा चुका है। वर्तमान में चंदन ग्रामीणों के साथ ही स्कूली बच्चों को भी इस दिशा में जागरूक करने का अभियान चला रहे हैं। उनका कहना है कि बच्चों को पर्यावरण का महत्व बताने के साथ संरक्षण को लेकर दिलचस्पी भी पैदा करनी होगी। जिससे न केवल वह इसका महत्व समझ पाए बल्कि आने वाले समय में बड़े होकर और अधिक लोगों को भी जागरूक कर सकेंगे।
(Chandan Nayal Okhalkanda Uttarakhand)

यह भी पढ़ें- एशिया का सबसे लंबा वन्य जीव कोरिडोर बनेगा देहरादून दिल्ली एक्सप्रेस वे पर, जानिए खूबियां

उत्तराखंड की सभी ताजा खबरों के लिए देवभूमि दर्शन के WHATSAPP GROUP से जुडिए।

👉👉TWITTER पर जुडिए।

More in उत्तराखण्ड

deneme bonusu casino siteleri deneme bonusu veren siteler deneme bonusu veren siteler casino slot siteleri bahis siteleri casino siteleri bahis siteleri canlı bahis siteleri grandpashabet
To Top
हिमाचल में दो सगे नेगी भाइयो ने एक ही लड़की से रचाई शादी -Himachal marriage viral पहाड़ी ककड़ी खाने के 7 जबरदस्त फायदे!