Dheeraj Chandra IIM Kashipur: मूल रूप से नैनीताल जिले के रहने वाले हैं धीरज, देश भर में हासिल की नंबर वन की रैंक…
राज्य के होनहार युवा आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। अपनी कड़ी मेहनत, काबिलियत और लगन के बलबूते ऊंचे ऊंचे मुकाम हासिल कर समूचे प्रदेश को प्रदेश को गौरवान्वित करने वाले राज्य के इन होनहार युवाओं की अभूतपूर्व सफलताओं के बारे में हम आपको आए दिन बताते रहते हैं। इसी कड़ी में आज हम आपको राज्य के एक और ऐसे ही होनहार युवा से रूबरू कराने जा रहे हैं जिनका चयन भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हो गया है। जी हां… हम बात कर रहे हैं मूल रूप से राज्य के नैनीताल शहर एवं वर्तमान में नैनीताल जिले के ही हल्द्वानी तहसील क्षेत्र के डहरिया निवासी डॉ. धीरज चंद्रा की, जो न केवल आईआईएम में असिस्टेंट प्रोफेसर बन गए हैं बल्कि इसके लिए आयोजित परीक्षा के परिणामों में भी उन्होंने टॉपर बनने का गौरव हासिल किया है। धीरज की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं समूचे क्षेत्र में भी खुशी की लहर है।
(Dheeraj Chandra IIM Kashipur)
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प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान में राज्य के नैनीताल जिले के हल्द्वानी तहसील क्षेत्र के डहरिया निवासी डॉक्टर धीरज चंद्रा भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयनित हो गए हैं। बता दें कि अपनी प्रारम्भिक शिक्षा सनवाल स्कूल नैनीताल से प्राप्त करने वाले धीरज ने भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय से इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरांत जीबी पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी पंतनगर से प्रोडक्शन इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। जिसके पश्चात कुछ समय तक बंगलुरू में एमएनसी कंपनी में नौकरी करने के बाद उन्होंने आईआईटी रुड़की से पीएचडी की। जिसके पश्चात अब उनका चयन आईआईटी कानपुर, आईआईएम बोधगया बिहार और आईआईएम काशीपुर में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुआ है। जिसमें से वह आईआईएम काशीपुर में अपनी सेवाएं देने जा रहे हैं। बताते चलें कि अपनी इस अभूतपूर्व उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता एवं गुरूजनों को देने वाले धीरज के पिता डीआर आर्या एसबीआई में प्रबंधक पद से सेवानिवृत हुए हैं जबकि उनकी माता चंद्रकला एक कुशल गृहिणी हैं तथा उनकी पत्नी यशस्वी भी पीएचडी कर रही हैं।
(Dheeraj Chandra IIM Kashipur)
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