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Soni Bisht Haldwani lieutenant
फोटो सोशल मीडिया

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हल्द्वानी

हल्द्वानी: सोनी बिष्ट ने शादी होते ही खो दिया पति को लेकिन नहीं खोया हौसला लेफ्टिनेंट के लिए चयनित…

Soni Bisht Haldwani lieutenant: शादी के एक माह बाद ही छीन गया था सुहाग, सोनी ने संघर्षों से जूझते हुए लिखी सफलता की एक नई दास्तां….

Soni Bisht Haldwani lieutenant
राज्य की होनहार बेटियां आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। खासतौर पर पहले तक पुरूषों के वर्चस्व माने जाने वाले सैन्य क्षेत्रों में भी राज्य की होनहार बेटियों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। आज हम आपको राज्य की एक और ऐसी ही वीरांगना बेटी से रूबरू कराने जा रहे हैं जिन्होंने पति की शहादत के बाद उस गम से गुजरते हुए न केवल अपनी कड़ी मेहनत और लगन के बलबूते सफलता की नई दास्तां लिखी है बल्कि अपने परिजनों के साथ ही समूचे प्रदेश को भी गौरवान्वित होने का सुनहरा अवसर प्रदान किया है। जी हां… हम बात कर रहे हैं मूल रूप से राज्य के नैनीताल जिले के हल्द्वानी निवासी सोनी बिष्ट की, जिन्होंने सर्विस सिलेक्शन बोर्ड (SSB) का इंटरव्यू उत्तीर्ण कर लिया है। अब वह भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन जाएंगी। फिलहाल उनका चयन ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकेडमी में हुआ है, जहां से कठिन प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत वह भारतीय सेना का हिस्सा बन जाएंगी। उनकी इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं उनके घर पर भी बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।
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Soni Bisht Haldwani Nainital
आपको बता दें कि सोनी के लिए यह अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल करना आसान नहीं है। कुदरत ने उनकी जिंदगी ऐसे हादसों से भर दी थी, जिससे उभरना हर किसी के लिए आसान नहीं होता। बताया गया है कि दिसंबर 2022 में सोनी बिष्ट की शादी नीरज सिंह भंडारी से हुई थी। नीरज भारतीय सेना की 18 कुमाऊं रेजिमेंट में तैनात थे। अभी उनकी शादी को महज एक माह का ही समय हुआ था, उनके हाथों से शादी की मेंहदी अच्छी तरह उतर भी नहीं पाई थी कि एक हादसे ने उनकी जिंदगी को पूरी तरह तहस नहस कर दिया। जनवरी 2023 में एक सड़क हादसे में नीरज की मौत हो गई। नीरज की मौत से जहां उनके परिवार में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा और मां को हार्ट अटैक आ गया तथा सोनी के देवर भी बीमार पड़ गए वहीं नववधू सोनी की जिंदगी भी पूरी तरह बिखर गई। किसी अपने को अचानक खोने के बाद दोबारा जिंदगी शुरू करना आसान नहीं होता है। यह कहना आसान है कि वक्त के साथ जख्म भर जाते हैं लेकिन जो इन परिस्थितियों का सामना करते है, वहीं जानते हैं कि उनका एक-एक मिनट भी वर्षों की तरह बीतता है।
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कुदरत के इस कहर के बीच सोनी बिष्ट के पिता सुबेदार कुंदन सिंह ने उन्हें सेना में जाने की सलाह दी। जिस पर सोनी ने भी बीते हुए कल को पीछे छोड़ते हुए कुछ नया करने का संकल्प लिया और सेना में जाने की तैयारी शुरू कर दी। सोनी ने मीडिया से बातचीत के बाद बताया कि नीरज के निधन के बाद वह डॉक्यूमेंटेशन के लिए कुमाऊं रेजिमेंट गई थीं। इस दौरान कमांडिंग ऑफिसर ने उन्हें सेना के जवानों की वीरांगनाओं के लिए तय स्पेशल कोटा से ओटीए चेन्नई में अप्लाई करने को कहा। रिटायर्ड सेना के अधिकारी मेजर जनरल यश मोर ने सोनी की एसएसबी इंटरव्यू के लिए पूरी तैयारी करवाई। इन सभी के सहयोग और सोनी की अथक परिश्रम ने अपना रंग दिखाया और एक हृदयविदारक हादसे से गुजरने के बाद आज सोनी, अपने जीवन की नई दास्तां लिखने में कामयाब हुई। आपको बता दें कि अपनी प्रारम्भिक शिक्षा आर्मी पब्लिक स्कूल से प्राप्त करने के उपरांत सोनी ने जोधपुर से स्नातक की डिग्री हासिल की है। सोनी की यह सफलता जहां देश प्रदेश के लाखों युवाओं के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है वहीं ये यह भी प्रदर्शित करती है कि महिलाएं मानसिक रूप से काफी मजबूत होती है। उन्हें सही दिशा और मार्गदर्शन मिल जाए तो कोई भी लक्ष्य उनके लिए बड़ा नहीं होता है।
Soni Bisht SSB ARMY

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