anadolu yakası escort - bursa escort - bursa escort bayan - bursa bayan escort - antalya escort - bursa escort - bursa escort -
istanbul escort - istanbul escorts -
ümraniye escort - bursa escort - konya escort - maltepe escort - eryaman escort - antalya escort - beylikdüzü escort - bodrum escort - porno izle - istanbul escort - beyliküdüzü escort -
Connect with us
Uttarakhand Government Happy Independence Day
Bobby Dhami Biography Hindi

उत्तराखण्ड

पिथौरागढ़

Bobby Dhami Biography Hindi: एक हादसे ने बदली पिथौरागढ़ के बाबी धामी की जिंदगी..

Bobby Dhami Biography Hindi: पिथौरागढ़ के सीमांत गांव से निकले बॉबी धामी और भारतीय सीनियर हॉकी टीम में बनाई अपनी जगह 

Bobby Dhami Biography Hindi: हादसे मे पिता को खोया लेकिन खोया नही कभी अपना बुलन्द हौसला ऐसी ही कुछ संघर्ष भरी कहानी रही है उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ जनपद के सीमांत एक छोटे से गांव मे रहने वाले बॉबी सिंह धामी की जो लाख संघर्ष करने के बाद भी कभी अपने बुलन्द हौसलो से हारे नही और अपनी मेहनत काबिलियत के जरिए उन्होंने भारतीय सीनियर हॉकी टीम मे अपनी जगह बनाई है। जी हाँ उत्तराखण्ड के होनहार युवा किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है फिर चाहे वह क्षेत्र शिक्षा का हो या फिर खेलकूद का ही क्यों ना हो वह अपनी जगह बनाकर सफलता के झंडे अपने देश के साथ साथ अन्य देशो मे भी गाड़ ही लेते है। ऐसे ही एक होनहार और प्रतिभाशाली युवा पिथौरागढ़ जनपद के रहने वाले बॉबी सिंह धामी भी है जो जल्द ही भारतीय सीनियर हॉकी टीम से भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले हैं।
यह भी पढ़ें- ऋषिकेश के मयंक गिरी ने श्रीलंका में जीते गोल्ड सहित तीन पदक, बढ़ाया देश प्रदेश का मान

आपको बता दे बॉबी सिंह धामी के लिए हॉकी खेलने से लेकर भारतीय टीम में चयनित होने तक का सफर बेहद ही संघर्षों भरा रहा है । दरअसल बॉबी सिंह जब मात्र 9 वर्ष के थे तो उन्हें उनके माता-पिता ने पहली बार अपने बेटे को हॉकी खेलते हुए देखा था जिसे देखकर वह बेहद प्रसन्न हुए थे लेकिन कुदरत को तो कुछ और ही मंजूर था जब बॉबी धामी 10 वर्ष के थे तो उनके पिता श्याम सिंह धामी का निधन एक सड़क दुर्घटना मे हो गया था। जिसके बाद बॉबी की माँ को उन्हें मजबूरन खुद से दूर रहने के लिए टनकपुर उनके मामा के पास भेजना पड़ा क्योंकि उन्हें घर का गुजारा करना मुश्किल हो रहा था जिस वजह से एक माँ ने अपने कलेजे के टुकड़े को खुद से दूर रखा और यह सब उनकी मां के लिए बेहद ही मुश्किल फैसला था। टनकपुर में ही बॉबी ने अपने मामा प्रकाश के साथ प्रत्येक दिन मैदान पर जाने के दौरान खेल में रुचि जागी। बता दें बॉबी के मामा प्रकाश राष्ट्रीय स्तर के पूर्व हॉकी खिलाड़ी रहे हैं और अब वह कोचिंग देते हैं। बॉबी के पिता की मृत्यु के बाद मानो उनके परिवार में पूर्ण तरह से संकट छा गया था क्योंकि बॉबी की शिक्षा का खर्चा भी घर से नहीं चल पाता था जिस कारण उनकी मां ने उन्हें अपने मामा के घर भेजने का फैसला किया था। इस स्थिति से निपटना उस समय एक बालक के लिए बेहद ही मुश्किल था लेकिन इसके बाद जब वह पीछे मुड़कर देखते हैं तो उन्हें एहसास होता है कि अगर उस समय दुर्घटना नहीं होती तो मैं शायद कभी हॉकी नहीं खेल पाता। बॉबी का कहना है कि सब कुछ एक कारण से होता है प्रतिभाशाली फॉरवर्ड बॉबी ने खेल में तेजी से प्रगति की और 16 वर्ष की उम्र में उन्हें सोनीपत में साइ केंद्र के लिए चुना गया।
यह भी पढ़ें- हल्द्वानी: श्रविका का AMU में चयन, पढ़ाई के साथ ही शूटिंग का खर्च भी उठाएगी भारतीय सेना

बता दें बॉबी ने 2019 में हॉकी इंडिया के जूनियर राष्ट्रीय कार्यक्रम में प्रवेश किया और 2021 में उन्हें भुवनेश्वर में आयोजित जूनियर विश्व कप के लिए वैकल्पिक खिलाड़ी के रूप में भारतीय टीम में चुना गया। इसके बाद मनिंदर सिंह की चोट ने बॉबी को जूनियर विश्व कप की मुख्य टीम में जगह दिलाई जूनियर विश्व कप मलेशिया में पांच से 16 दिसंबर तक चला। बॉबी का मानना है की वह अपने करियर में काफी भाग्यशाली रहे है मनिंदर की चोट ने उन्हें जूनियर विश्व कप के लिए प्लेइंग इलेवन में जगह दिलाई। हालांकि वह चौथे स्थान पर रहे और काफी निराश थे लेकिन कांस्य पदक मैच में हार ने उन्हें आने वाले दिनों में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके साथ ही वह मानसिक रूप से मजबूत हो गए और खुद से कहा कि हम इसके बाद कोई बड़ा टूर्नामेंट नहीं हारेंगे। इसके बाद उन्होंने भारत ने ओमान में फाइनल में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हराकर पुरुष जूनियर एशिया कप जीता। बॉबी का मानना है कि भारतीय टीम बड़े कारनामों के लिए तैयार रहती है। उन्होंने कहा, ‘हमने टोक्यो ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद सीनियर टीम को मिलने वाले सम्मान को देखा। यह हमें काफी प्रेरित करता है।
यह भी पढ़ें- पिथौरागढ़ के बॉबी धामी फिर छाएंगे विदेशी धरती में, FIH प्रो लीग के लिए हुआ चयन

बॉबी के हॉकी का सफर यहीं समाप्त नहीं होता बल्कि अब बॉबी धामी का हॉकी का सफर भारतीय सीनियर टीम मे होने जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पिथौरागढ़ जनपद के निवासी बॉबी सिंह धामी प्रदेश से इकलौते ऐसे खिलाड़ी हैं जिनका चयन भारतीय पुरुष हॉकी टीम में हुआ है और अब बॉबी सिंह भारतीय टीम में शामिल होकर बेल्जियम के एंटवर्प शहर में 22 से 29 में होने जा रही एफआइएच ( फेडरेशन इंटरनेशनल हाकी) लीग में अन्य विदेशी टीम से भिड़ेंगे। यह प्रदेश के लिए एक बेहद ही ऐतिहासिक पल है। बॉबी के हॉकी कोच और वर्तमान में प्रभारी जिला क्रीड़ाधिकारी वरुण बेलवाल द्वारा बताया गया कि बॉबी के चयन से प्रदेश के अन्य युवा खिलाड़ियों को भी आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी। इतना ही नहीं बॉबी सीनियर टीम से ऑस्ट्रेलिया दौरे में पदार्पण भी कर चुके हैं और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार गोल भी इन्होंने किए हैं। इससे पूर्व वह जून में लुसाने स्विट्जरलैंड में आयोजित एफआइएच स्पर्धा में भारतीय पुरुष टीम के सदस्य रहकर स्वर्ण पदक प्राप्त कर चुके हैं और वर्ष 2021 और 2023 में जूनियर वर्ल्ड कप में भारतीय टीम से प्रतिभाग किया है।दरअसल बॉबी ने हॉकी का प्रारंभिक प्रशिक्षण अपने मामा प्रकाश सिंह से टनकपुर में लिया और वहां उन्होंने बॉबी की आधारभूत स्किल का विकास किया। बॉबी कक्षा 6 से 11वीं तक देहरादून स्पोर्ट्स कॉलेज में रहकर प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं और इसके बाद वह वर्ष 2017 जून में सोनीपत स्थित साई ट्रेनिंग सेंटर चले गए थे जहाँ उन्हें हॉकी प्रशिक्षक वरुण बेलवाल की ओर से गहन प्रशिक्षण दिया गया।

यह भी पढ़ें- Bobby Dhami Hockey Team: पिथौरागढ़ के बॉबी धामी भारतीय हॉकी टीम में चयनित

More in उत्तराखण्ड

UTTARAKHAND CINEMA

PAHADI FOOD COLUMN

UTTARAKHAND GOVT JOBS

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Lates News

deneme bonusu casino siteleri deneme bonusu veren siteler deneme bonusu veren siteler casino slot siteleri bahis siteleri casino siteleri bahis siteleri canlı bahis siteleri grandpashabet
To Top