उत्तराखण्ड पहुंची इलेक्ट्रिक बस ,मैदानी इलाको के साथ ही इन पर्वतीय क्षेत्रों में होगा ट्रायल
देहरादून : जैसे की अब केंद्र सरकार की भारत को इलेक्ट्रिक वाहन राष्ट्र बनाने की योजना से उत्तराखण्ड भी जुड़ गया है। प्रदूषण से निजात पाने का एकमात्र तरीका है इलेक्ट्रिक वाहन जो की अब उत्तराखण्ड की सड़को पर जल्दी ही दौड़ने वाली है। बता दे की उत्तराखण्ड परिवहन निगम (रोडवेज) के अधीन अनुबंधित तौर पर संचालित होने वाली इन बसों में ट्रायल के लिए एक बस दून पहुंच गई है। खबर है कि गुरुवार से इस बस का मसूरी मार्ग पर ट्रायल किया जाएगा।मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने रोडवेज को दून शहर में इलेक्ट्रिक सिटी बसें संचालित करने रोडमैप तैयार करने को कहा है।
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दून आ चुकी है तमिलनाडु से इलेक्ट्रिक बस – आपको बता दें कि पर्यावरण के लिहाज से सरकार ने 25 बसें देहरादून से मसूरी और बाकी 25 हल्द्वानी-नैनीताल के बीच चलाने का निर्णय लिया था। मुख्य सचिव उत्पल कुमार की अध्यक्षता में परिवहन सुविधाओं में इजाफा को लेकर हुई बैठक में सूबे में रोडवेज के जरिए इलेक्ट्रिक बसें चलाने पर सहमति बनी थी। इसी बैठक के तहत रोडवेज की ओर से निजी कंपनियों से प्रस्ताव मांगे गए थे। सबसे खाश बात तो ये है की इनमें तमिलनाडू की एक कंपनी ने एक करोड़ की कीमत की एक बस ट्रायल करने के लिए दून भेज दी है।
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पर्वतीय मार्गो पर भी दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक बसे – अगर पर्यावरण प्रदूषण की बात करे तो उसका दुष्प्रभाव उत्तराखण्ड के पर्वतीय जिलों में भी पड़ रहा है इसलिए सरकार का प्रयास है की मैदानी इलाको के साथ – साथ पर्वतीय क्षेत्रों को भी इस सुविधा से जोड़ा जाय। पर्वतीय मार्गों को देखते हुए बस 166 व्हीलबेस की है। सबसे पहले इंजीनियर दवारा ये चेक किया जायेगा की पर्वतीय क्षेत्रों में ये बसे लोड ले भी रही है या नहीं। पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण मसूरी व नैनीताल में सरकार ने 50 इलेक्ट्रिक बसें चलाने का निर्णय लिया है। बताया जा रहा है की ये बसें उत्तराखण्ड परिवहन निगम (रोडवेज) के अधीन अनुबंधित तौर पर संचालित होंगी। इनमें 25 बसें देहरादून से मसूरी और बाकी 25 हल्द्वानी-नैनीताल के बीच दौड़ेंगी।
