उत्तराखंड में गहराते जा रहे कोरोना संकट से हरकत में आई सरकार, मुख्यमंत्री बोले राज्य में जल्द बढ़ेगी दो लैब (Corona test lab uttarakhand)..
राज्य में कोरोना संकट लगातार गहराता जा रहा है, अभी तक राज्य में कोरोना संक्रमण के 400 से ऊपर मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि इसका एक कारण हाईकोर्ट के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा बढ़ाए गए सैम्पलों की संख्या है परन्तु इसके बाद भी राज्य के पर्वतीय जिलों में सैम्पलिंग की रफ्तार काफी कम है, जिसका एक कारण सीमित संख्या में लैब (Corona test lab uttarakhand) का उपलब्ध होना है। इस बात को राज्य सरकार भी भली-भांति जानती है, तभी तो लैब बढ़ाने के लिए राज्य सरकार जल्द ही आईसीएमआर को प्रस्ताव भेजने जा रही है। आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) से हरी झंडी मिलने के बाद देहरादून और अल्मोड़ा में भी लैब का संचालन हो सकेगा। जिससे न सिर्फ वर्तमान में संचालित लैब पर लोड कम होगा वहीं पर्वतीय जिलों में सैम्पलिंग की संख्या में निश्चित ही वृद्धि भी होगी। रविवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हल्द्वानी में पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी, उन्होंने बताया कि राज्य में कोरोना जांच बढ़ाने के लिए जल्द ही अल्मोड़ा और देहरादून में लैब खुलवाई जाएगी जिसमें से देहरादून वाली लैब (Corona test lab uttarakhand) में 29 मई से टेस्टिंग शुरू हो जाएगी।
अब सतर्कता बरतने की और ज्यादा जरूरत, सभी प्रवासियों को सुरक्षित घर पहुचाना हमारी प्राथमिकता:-
बता दें कि राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बीते रविवार को हल्द्वानी पहुंचकर कोरोना की स्थिति का जायजा लिया, सर्किट हाउस में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जमकर सराहना की। इस दौरान उनके साथ कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, सांसद अजय भट्ट, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी के साथ जिले के तमाम बड़े अधिकारी बैठक में उपस्थित थे। बैठक के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में प्रवासियों के आने के बाद कोरोना मरीजों की संख्या भले ही बड़ी हो परन्तु सभी प्रवासियों को सुरक्षित वापस लाना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। वर्तमान में भी उत्तराखंड संक्रमण के पहले चरण में है। उन्होंने कहा कि संक्रमण की रफ्तार बढ़ने से अब हम पहले से अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमें इस बात का अंदाजा था कि प्रवासियोंकी घर वापसी के बाद कोरोना संक्रमितों की संख्या निश्चित तौर पर बढ़ेगी, इसलिए हमने इसके लिए पहले से ही पूरी तैयारियां कर ली थी। आज हर जिले में वेंटिलेटर उपलब्ध है, सभी नर्सों को भी प्रशिक्षित किया जा चुका है।