शाम होते ही आबादी की तरफ बढ़ रहे जंगली जानवर, अब तेंदुए ने एक 14 वर्षीय बच्ची को बनाया अपना निवाला (Leopard attack), परिजनों में मचा कोहराम..
उत्तराखंड में जंगली जानवरों ने किस तरह आतंक मचाया है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शाम होते ही जंगली जानवर आबादी की तरफ आने लगे हैं। जिससे न सिर्फ ग्रामीणों की जान को खतरा पैदा हो रहा है बल्कि ग्रामीण दिन में ही अपना सारा कामकाज छोड़कर घरों में दुबकने को मजबूर हैं। जानवरों के आतंक की एक ऐसी ही घटना राज्य के नैनीताल जिले से सामने आ रही है जहां बीती शाम पांच बजे घर से थोड़ी दूर बैठी एक 14 वर्षीय बच्ची को तेंदुए (Leopard attack) ने अपना निवाला बना लिया। बच्ची की चीख पुकार सुनकर मौके पर पहुंचे परिजनों को काफी खोजबीन के बाद बच्ची का क्षत-विक्षत शव जंगल में पड़ा मिला। घटना के बाद से जहां मृतक बच्ची के परिजनों में कोहराम मच गया वहीं घटना से ग्रामीणों में वन विभाग के खिलाफ रोष व्याप्त है। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों का घेराव कर न सिर्फ बच्ची के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की है बल्कि तेंदुए को पकड़ने के लिए गांव में एक पिंजरा लगाने को भी कहा हैं।
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दो भाईयों की इकलौती बहन थी मृतक बच्ची, घटना से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के नैनीताल जिले के कोटाबाग ब्लाक के बैलपडाव क्षेत्र में स्थित मदनबेल गांव निवासी दान सिंह की चौदह वर्षीय बेटी ममता को बीती शाम एक तेंदुए ने उस वक्त अपना निवाला (Leopard attack) बना लिया जब वह घर से कुछ दूरी पर बैठकर नहर के पास कपड़े धो रही थी। बच्ची की चीख-पुकार सुनकर ममता के परिजन मौके पर पहुंचे लेकिन तब तक तेंदुआ उसे लेकर जंगल की ओर भाग चुका था। परिजनों ने अन्य ग्रामीणों के साथ मिलकर ममता की काफी खोजबीन की, तब उन्हें जंगल में ममता का क्षत-विक्षत शव पड़ा मिला। बताया गया है कि ममता दो भाइयों की इकलौती बहन थी। घटना के बाद से जहां ममता के दोनों भाईयों योगेश और दीपक की आंखों से आंसू नहीं थम रहे हैं वहीं ममता की मां रामवती, पिता दान सिंह का रो-रोकर बुरा हाल है। इस घटना से अन्य ग्रामीणों में दहशत का माहौल है उनका कहना है कि यह तेंदुआ पिछले कई दिनों से गांव में आ रहा है और अब तक न जाने उनकी कितनी बकरियों को निवाला बना चुका है।
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