जहाँ पुलवामा आतंकी हमले से पुरे देश के साथ ही उत्तराखंड में भी बेहद आक्रोश है, वही फिर उत्तराखण्ड का एक और लाल देश की रक्षा के लिए शहीद हो गया है। शनिवार को जम्मू कश्मीर में तैनात मेजर चित्रेश बिष्ट राजौरी के नौशेरा सेक्टर में एलओसी के पास आईईडी ब्लास्ट में शहीद हो गए थे। राजौरी में आईईडी धमाके में शहीद हुए मेजर चित्रेश बिष्ट का पार्थिव शरीर आज देहरादून पहुंच गया है। शहीद के पार्थिव शरीर को वायुसेना के विमान से जॉलीग्रांट एयरपोर्ट लाया गया। इस दौरान वहां सेना के अधिकारियों ने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की। पार्थिव शरीर को सोमवार सुबह 9 बजे तक मिलिट्री हॉस्पिटल देहरादून में ही रखा जाएगा। सोमवार दोपहर को पार्थिव शरीर को सैनिक और राजकीय सम्मान के साथ लाया शहीद के घर लाया जाएगा। बेटे के पार्थिव शरीर देहरादून पहुंचने की खबर से घर में पसरे मातम में फिर कोहराम मच गया।
बता दे की मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के रानीखेत तहसील के अंतर्गत पीपली ग्राम निवासी मेजर चित्रेश बिष्ट जम्मू कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में 21जीआर में तैनात थे। वो यहाँ इंजीनियरिंग विभाग में मेजर के पद पर कार्यरत थे। मेजर चित्रेश भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से वर्ष 2010 में पासआउट हुए थे। वर्तमान में वह सेना की इंजीनियरिंग कोर में थे। गौरतलब है की जम्मू-कश्मीर में एलओसी पर शनिवार को राजोरी जिले के नौशेरा सेक्टर में पाकिस्तान की बार्डर एक्शन टीम (बैट) की ओर से बिछाई गई आईईडी को डिफ्यूज करते समय हुए विस्फोट में सेना के मेजर चित्रेश बिष्ट शहीद हो गए। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मेजर चित्रेश बिष्ट की शहादत पर दुख जताया है। उनके पिता उनके पिता एसएस बिष्ट रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर हैं। बताते चले की मेजर चित्रेश की सात मार्च को शादी होनी थी, इसके लिए कार्ड भी छप चुके थे, और घर में शादी की तैयारियां भी पूर्ण हो चुकी थी।