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देवभूमि के लोगों के लिए गुरुवार का दिन एक ऐसी खुशखबरी लेकर आया जिसे सुनकर प्रत्येक उत्तराखंडी का सीना गर्व से चौड़ा हो जाएं। बता दे की भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को परम विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया हैं। उनको यह पुरस्कार राष्ट्र की सेवा के लिए प्रदान किया गया। उन्होंने भारतीय सेना को नए सिरे से मजबूत बनाने के लिए अपना अहम योगदान दिया है , इसके साथ ही विगत वर्षो में की गयी सर्जिकल स्ट्राइक की सफल रणनीति भी उनके नाम दर्ज है। जनरल बिपिन रावत के साथ ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज राष्ट्रपति भवन में भारतीय सेना के वीर जवानों एवं अर्द्धसैनिक बलों के जांबाजों को भी शोर्य चक्र एवं कीर्ति चक्र से सम्मानित किया। जिनमें आर्मी जवान व्रह्म पाल सिंह और सीआरपीएफ जवान राजेन्द्र नैन और रवींद्र बब्बन को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से तथा सीआरपीएफ और सेना के 12 जवानों व अधिकारियों को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा सेक्टर में 3 आतंकियों को मारने वाले 20 जाट रेजीमेंट के वीर मेजर तुषार गौबा को भी कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया।
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के गांव सैण के रहने वाले जनरल बिपिन रावत को आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने परम विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया है। बता दें कि जनरल बिपिन रावत 16 दिसंबर 1978 में गोरखा राइफल्स की फिफ्थ बटालियन में शामिल हुए थे। 1 सितंबर 2016 को वह भारतीय थलसेना के वाइस चीफ नियुक्त किए गए थे। तत्पश्चात वह दिसंबर 2016 में ही सेना प्रमुख के पद पर नियुक्त किए गए थे। उभरती चुनौतियों से निपटने, नॉर्थ में मिलटरी फोर्स के पुनर्गठन, पश्चिमी फ्रंट पर लगातार जारी आतंकवाद व प्रॉक्सी वॉर और पूर्वोत्तर में जारी संघर्ष के लिहाज से उन्हें सबसे सही विकल्प माना गया हैं। बताते चलें कि उनका परिवार कई पीढ़ियों से भारतीय सेना में सेवा दे रहा है। उनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्षमण सिंह रावत ने भी इसी यूनिट में रहकर देश की सेवा की थी। जनरल बिपिन रावत गोरखा ब्रिगेड से निकलने वाले ऐसे पांचवे अफसर हैं जो भारतीय सेना में सेना प्रमुख बनें है। इससे पहले भी उन्हें कई महत्वपूर्ण सम्मानों से नवाजा जा चुका है जिनमें उत्तम युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, युद्ध सेवा पदक, सेना पदक तथा विशिष्ट सेवा पदक आदि शामिल हैं।