अगर बात करे 90 के दशक के लोगो की तो उस दौर में ललित मोहन जोशी और माया उपाध्याय के सुपरहिट गीत सबकी जुबा पर रहते थे। उनकी बेमिसाल जोड़ी के सुप्रसिद्ध गीत आज सदाबहार पहाड़ी गीतमाला में अपना एक विशेष स्थान रखते है। सुप्रसिद्ध कुमाऊंनी गायिका माया उपाध्याय ने उत्तराखण्ड के लोकगीतो को एक नया आयाम ही नहीं वरन एक नयी दिशा भी दी। वो उस दौर से गायिकी के क्षेत्र में है जब स्व.गोपाल बाबू गोस्वामी के सदाबहार गीत कुछ धूमिल से पड़ने लगे थे, क्योकि जैसे जैसे पीढ़ी आगे बढ़ती है युवा नए आधुनिक गीतों में रुझान रखते है। हम बात कर रहे है , आज रुचिका कंडारी की जो अपनी सुरमयी और जादुई आवाज से लाखो लोगो का दिल जीत चुकी है। रुचिका कंडारी ने वैसे गढ़वाली गीतों को ही अपनी आवाज दी है, लेकिन सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो बहुत वायरल हो रहा है, जिसमे उन्होंने माया उपाध्याय के गीत ” मैं तुमरी चंदा, तुम म्यारा चकोरा के भली रूपा के भली बुलाना “ को अपनी बेहतरीन आवाज दी है। माया उपाध्याय के ऑफिसियल चॅनेल लोकवाणी एसोसिएशन पर यह गीत 7 लाख हिट्स ले चूका है।
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रुचिका का मूल निवास और शिक्षा : रुचिका कंडारी मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल की रहने वाली है, और वर्तमान में दिल्ली में ही रहती है, रुचिका की प्राम्भिक पढ़ाई दिल्ली से हुई और आगे की उच्च स्तर की पढाई भी दिल्ली विश्वविद्यालय से पूरी की। रुचिका बताती है की उन्हें बचपन से ही अदाकारी और संगीत का बहुत शौक था, और उत्तराखण्ड़ के लोकगीतों से काफी प्रेरित हुई है, जिनमे की विशेष कर गढ़ रत्न नरेंद्र नेगी जी के गीत है। रुचिका वर्तमान में श्री राम कला केंद्र से शास्त्रीय संगीत से सम्बंधित कोर्स कर रही है। रुचिका और सोमेश दोनों उत्तराखण्ड़ की संस्कृति और लोकगीतों को दुनियाभर के सामने एक नए अंदाज में लाना चाहते है। दोनों का कहना है की जिस प्रकार उत्तराखण्ड़ के पड़ोसी राज्य पंजाब की संस्कृति आज देश विदेशो में अपना नाम रखती है उसी प्रकार उत्तराखण्ड़ की संस्कृति को भी विश्वस्तर पर लाना चाहते है।