Connect with us
Uttarakhand Government Happy Independence Day
alt=" girl died in Quarantine center Uttarakhand"

उत्तराखण्ड

नैनीताल

उत्तराखण्ड: पहाड़ में क्वारंटीन सेंटर में छः वर्षीय बच्ची की मौत, आखिर कौन है जिम्मेदार?

क्वारंटीन सेंटर (Quarantine center Uttarakhand) में हुई थी बच्ची की मौत, अब तक तीन लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज..

राज्य सरकार कह रही है कि दूसरे राज्यों से आने वाले सभी प्रवासियों को क्वारटीन किया जाएगा, जो कि राज्य में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जरूरी भी है परन्तु पहाड़ में बनाए गए क्वारंटीन सेंटरों (Quarantine center Uttarakhand) की हालत कैसी है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि क्वारंटीन सेंटर के चारों ओर न सिर्फ साफ-सफाई का अभाव है बल्कि भवनों की हालत भी जर्जर हैं। लेकिन न तो ग्राम प्रधान, न स्थानीय प्रशासन और न ही सरकार इस पर ध्यान दें रही है। क्वारटीन सेंटर में व्यवस्थाओं की इसी कमी का खामियाजा बीते दिनों एक छः वर्षीय मासूम बच्ची को भी भुगतना पड़ा और उसकी मौत हो गई। जी हां.. हम उसी मासूम बच्ची की बात कर रहे हैं जो अपनी मां के साथ नैनीताल जिले में क्वारटीन थी और बीते सोमवार को सांप के काटने से उसकी मौत हो गई। परन्तु अभी तक बच्ची की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों पर कोई कार्रवाई न होना हमारे सिस्टम पर सवाल खड़े करता है हालांकि बच्ची के चाचा द्वारा तीन अधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जा चुकी है और जिलाधिकारी ने भी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं।


यह भी पढ़ें:-उत्तराखण्ड :पहाड़ी क्षेत्रों में क्वारंटीन केंद्र की बदहाली, युवक ने सरकार से की मदद की अपील

क्वारटीन सेंटर की बदहाली की भेंट चढ़ी मासूम अंजली:-

विदित हो कि राज्य के नैनीताल जिले के बेतालघाट ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय तल्ली सेठी में क्वारटीन एक छः वर्षीय बच्ची अंजली की सांप के डंसने से मौत हो गई। अंजली की मौत से जहां उसके परिवार में कोहराम मचा हुआ है वहीं इस दुखद हादसे की खबर को जिसने भी सुना उसकी आंखें नम हो गई। सांप के डंसने के बाद मासूम बच्ची ने न सिर्फ गांव के अन्धविश्वास और सिस्टम की खामियों की भेंट चढकर अपनी जान गंवाई बल्कि मौत के बाद भी परिजनों को उसके शव के पोस्टमार्टम कराने के लिए अधिकारियों के आफिसों के क‌ई चक्कर लगाने पड़े। जैसे-तैसे बच्ची का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया। बता दें कि मृतक अंजली के पिता महेंद्र सिंह दिल्ली में प्राइवेट वाहन चलाते थे। अंजलि के चाचा भीम सिंह की तहरीर पर मल्ली सेठी के राजस्व उप निरीक्षक राजपाल सिंह, कांडा के ग्राम पंचायत विकास अधिकारी रमेश जोशी और तल्ली सेठी स्थित इंटर कॉलेज के सहायक अध्यापक करन सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।


यह भी पढ़ें- उत्तराखण्ड :बैरियर से किया सील, पहाड़ में प्रवासियों को तभी मिलेगी एंट्री जब करेंगे क्वारंटीन

सोने के लिए चारपाई होती तो शायद बच जाती जान, आखिर बच्ची की मौत का जिम्मेदार कौन?:-

मासूम अंजली दिल्ली से तो कोरोना से बचकर सही सलामत लौटी परंतु उत्तराखण्ड की बदहाल व्यवस्था ने उसे सदा के लिए गहरी नींद सुला दिया। अब अंजली दुनिया से विदा ले चुकी है परंतु अपनी मौत के पीछे वह कुछ सवाल छोड़ कर ग‌ई है। जिसका जवाब शायद हम भी नहीं जानते। आखिर छः वर्षीय मासूम बच्ची की मौत के लिए वास्तव में जिम्मेदार कौन है? क्वारंटीन सेंटर (Quarantine center Uttarakhand) घोषित कर स्कूल से पल्ला झाड़ने वाला ग्राम प्रधान या फिर उस क्वारटीन सेंटर में तैनात शिक्षक या फिर बदहाल व्यवस्था को देखकर भी आवाज ना उठाते ग्रामीण या स्थानीय शासन-प्रशासन या….?? लेकिन अभी तक मौत का जिम्मेदार सिर्फ सांप को ठहराया जा रहा है। क्या बच्ची की मौत के लिए केवल सांप ही जिम्मेदार है? शासन प्रशासन, गांव के जनप्रतिनिधियों की कोई जिम्मेदारी नहीं। अगर क्वारंटीन सेंटर की साफ-सफाई की गई होती या फिर बच्ची के सोने के लिए चारपाई होती तो शायद उसकी जान बच जाती। अगर उस क्वारटीन सेंटर में तैनात शिक्षक अपनी जिम्मेदारी अच्छे से निभाता तो शायद अंजली समय से अस्पताल पहुंच जाती। आखिर क्वारंटीन सेंटर (Quarantine center Uttarakhand) की बदहाल व्यवस्था का जिम्मेदार कौन है?


यह भी पढ़ें– उत्तराखण्ड: पहाड़ में क्वारंटीन पीरियड पूरा कर घर पहुंची किशोरी की अकस्मात मौत…

More in उत्तराखण्ड

UTTARAKHAND GOVT JOBS

Advertisement Enter ad code here

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Advertisement Enter ad code here

Lates News

deneme bonusu casino siteleri deneme bonusu veren siteler deneme bonusu veren siteler casino slot siteleri bahis siteleri casino siteleri bahis siteleri canlı bahis siteleri grandpashabet
To Top