Geeta Uniyal News: दुनिया को अलविदा कहने से पहले किया फेसबुक पर बेहद भावुक पोस्ट….
Geeta Uniyal News: उत्तराखंड फिल्मों और एल्बमों की बेहतरीन अभिनेत्री गीता उनियाल इस दुनिया को अलविदा कह चुकी हैं। बीते 4 वर्षों से कैंसर से जूझ रही गीता आखिर जिंदगी और मौत की यह जंग हार गई। गीता अपने पीछे दो बच्चों समेत भरे पूरे परिवार को रोता बिलखता छोड़ गई है। अगर बात करें गीता के संगीत जगत में करियर की शुरुआत की तो वर्ष 2002 के आसपास उन्होंने उत्तराखंड म्यूजिक इंडस्ट्री में कदम रखा था। जिसमें उन्होंने मेरु गौं, कन्यादान, खैरी का दिन, जय मां धारी देवी समेत करीब 15 उत्तराखंडी फीचर फिल्मों तथा 300 गढ़वाली म्यूजिक एल्बमों में बेहतरीन अभिनय से लोगों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी है। यह भी पढ़ें- Geeta Uniyal Death Uttarakhand: उत्तराखंड मशहूर अभिनेत्री गीता उनियाल का निधन….
गीता उनियाल ने अपने फेसबुक पेज पर अंतिम पोस्ट 15 जनवरी को किया था जिसमें उन्होंने अपने जन्मदिन के अवसर पर सभी फैंस का धन्यवाद अदा किया था ।जिसमें उन्होंने लिखा था आप सब का दिल से धन्यवाद मेरे जन्मदिन पर कॉमेंट्स और पोस्ट के द्वारा भरपूर प्यार आशीर्वाद मिला। सब का अलग अलग रिप्लाई करना मेरे लिए मुस्किल है।पिछले एक साल से बीमारी से लड़ रही हूं और बीमारी से लड़ने की ताकत भी आप सब से ही मिल रही है,,,,,जब ईश्वर का आशीर्वाद मेरे साथ है और आप सब की दुवाएं तो कोई भी मेरा कुछ नही बिगाड़ पाएगा ये मेरा विश्वास है।।।।।
गौरतलब हो कि गीता वर्ष 2020 से कैंसर से पीड़ित गीता उनियाल की मदद के लिए कोई आगे नहीं आया जिसका जिक्र उन्होंने मीडिया बातचीत में किया था उन्होंने अपनी बीमारी का पूरा खर्च खुद ही वहन किया लेकिन जब सर्जरी के बाद दोबारा उन्हें कैंसर हुआ तो वह आर्थिक तौर पर पूरी तरह से टूट चुकी थीं। उन्होंने कहा 20 साल उत्तराखंड फिल्म में काम करने के बाद और उत्तराखंड की लोक संस्कृति को बचाने के तमाम संघर्ष करने वाले कलाकारों की मदद करने कोई आगे नहीं आ रहा फिर उत्तराखंड के उनके सहयोगी कलाकारों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की जहां से उनकी मदद की गई। गीता उनियाल बहुत दृढ़ और मजबूत संकल्प वाली महिला थी। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि कैंसर पीड़ित होने के बावजूद उत्तराखंडी फिल्मों की नामी अभिनेत्री गीता उनियाल ने हार नहीं मानी उन्हें 3 साल से कैंसर था गंभीर बीमारी होने के बावजूद भी उन्होंने काम के प्रति अपने लगाव को कभी कम न होने दिया।