बीएसएफ (BSF) में तैनात शहीद राकेश (RAKESH DOVAL) की दस वर्षीय मासूम बेटी दित्या हैरान होकर एकटक निहार रही घर पर उमड़ रही भीड़ को..
घर की चारपाई पर रोती-बिलखती बूढ़ी मां विमला देवी, सुहाग के उजड़ जाने की खबर सुनकर बार-बार बेसुध होती वीरांगना संतोषी देवी, परिजनों को सांत्वना देने घर पर उमड़ती लोगों की भीड़ और हैरान होकर इस भीड़ को एकटक आंखों से निहारती दस वर्षीय मासूम बेटी दित्या का फूल सा चेहरा, जिसे अभी तक यह भी नहीं पता कि फोन पर उससे प्यार से बात करने वाले पिता की आवाज भी अब उसे कभी सुनाई नहीं देगी। ऐसा ही कुछ माहौल है अपने कर्तव्यपथ पर सर्वोच्च न्यौछावर करने वाले बीएसएफ(BSF) के शहीद सब इंस्पेक्टर राकेश डोभाल(RAKESH DOVAL) के घर का। जहां पति कमलकांत की मौत से बमुश्किल संभली विमला देवी पर एक बार फिर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। जवान बेटे की शहादत की खबर ने जहां बूढ़ी मां विमला को एक बार फिर से तोड़ दिया वहीं शहीद राकेश की वीरांगना संतोषी देवी का भी रो-रोकर बुरा हाल है। रोते-बिलखते संतोषी की अश्रुओं से भरी हुई आंखें बार-बार बेसुध होने से पहले अपने पति से बस यही सवाल कर रही है कि शादी के मंडप में सात फेरों के साथ जो आपने जिंदगी भर साथ निभाने का वादा किया था उसे धता बताकर इतनी जल्दी क्यों चले गए? आस-पड़ोस के लोग शहीद की मां और पत्नी को तो सांत्वना देने की कोशिश कर रहे हैं। परंतु घर पर उमड़ी उस भीड़ में पिता को तलाश करती शहीद की बेटी दित्या का मासूम चेहरा वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम करने के लिए काफी है।
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मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल जिले का रहने वाला है शहीद राकेश डोभाल का परिवार, शुक्रवार को मां भारती की रक्षा करते हुए दिया था सर्वोच्च बलिदान:-
गौरतलब है कि राज्य के देहरादून जिले के ऋषिकेश के गणेश विहार गंगानगर निवासी राकेश डोभाल बीते शुक्रवार को एलओसी में पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब देते हुए गम्भीर रूप से घायल हो गए थे। उन्होंने उसी दिन अस्पताल में उपचार के दौरान आखिरी सांस ली थी। बता दें कि शहीद राकेश मूल रूप से राज्य के पौड़ी गढ़वाल जिले के पौड़ी ब्लॉक के कंडारी गांव के रहने वाले थे। 2004 में बीएसएफ में भर्ती हुए शहीद राकेश इन दिनों बीएसएफ की आर्टिलरी रेजिमेंट में सब इंस्पेक्टर के पद पर जम्मू-कश्मीर के नौगाम सेक्टर में तैनात थे। शुक्रवार शाम जैसे ही शहीद सब इंस्पेक्टर राकेश की शहादत की खबर उत्तराखण्ड पहुंची तो न सिर्फ उनके आवास सहित पूरे ऋषिकेश में मातम पर गया बल्कि उनके पैतृक गांव सहित समूचे उत्तराखण्ड में भी शोक की लहर दौड़ गई। उनकी शहादत को नमन करते हुए विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, नगर निगम मेयर अनीता ममगाईं ने न केवल शोक व्यक्त किया था बल्कि उनके घर पहुंचकर शोकाकुल परिवार को भी सांत्वना दी थी। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा था कि सरकार शहीद के परिजनों के साथ हमेशा खड़ी है।
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