Uttarakhand CBSE Topper: रोजाना ठाकुरद्वारा से जसपुर तक का 25 किमी का सफर तय कर पहुंची स्कूल, घर पहुंचकर की छः घंटे पढ़ाई..
मुश्किलें सब को आती है, कुछ लोग इन्हें अपनी कमजोरी बना देते हैं तो कुछ लोग इन्हीं मुसीबतों को दरकिनार कर अपने मंजिल की ओर बढ़ते जाते हैं। राज्य की होनहार बेटी प्रथा विश्नोई भी उन्हीं लोगों में से हैं जिन्होंने स्कूल पहुंचने के लिए रोजाना 25 किमी का सफर बस से तय करने के बाद भी हार नहीं मानी और आज वह सीबीएसई 12वीं की दूसरी उत्तराखण्ड टाॅपर (Uttarakhand CBSE Topper) है। कुमाऊं मंडल की संयुक्त रूप से पहली टाॅपर होने का दर्जा भी उन्हें मिला है। बता दें कि प्रथा विश्नोई राज्य के उधमसिंह नगर जिले के जसपुर जसपुर में स्थित जेनेसिस इंटरनेशनल स्कूल की छात्रा है। उन्होंने सीबीएसई 12वीं की परीक्षा में 497 अंक प्राप्त कर पूरे प्रदेश में संयुक्त रूप से दूसरा स्थान प्राप्त किया है। वह स्कूल जाने के लिए रोजाना 25 किमी का सफर बस से तय करती थी। प्रथा की इस उपलब्धि से जहां उनके परिवार में खुशी की लहर है वहीं पूरे क्षेत्र में भी हर्षोल्लास का माहौल है। प्रथा ने अपनी इस उपलब्धि श्रेय अपने माता-पिता के साथ ही गुरूजनो को दिया है।
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कड़ी मेहनत से पाई यह शानदार उपलब्धि, भविष्य में प्रशासनिक अधिकारी बनना चाहती है प्रथा:- प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के ठाकुरद्वारा में स्थित निवासी प्रथा विश्नोई राज्य के उधमसिंह नगर जिले के जसपुर में स्थित जेनेसिस इंटरनेशनल स्कूल की छात्रा है। उन्होंने सीबीएसई द्वारा बीते सोमवार को घोषित किए गए परीक्षा परिणामों में उत्तराखंड में संयुक्त रूप से दूसरा स्थान प्राप्त किया है जबकि कुमाऊं मंडल में वह पहले नम्बर पर है। स्कूल पहुंचने के लिए रोजाना 25 किमी का सफर बस से तय करने वाली प्रथा विश्नोई का सपना प्रशासनिक सेवा में जाकर देशसेवा करने का है। अपनी इस शानदार उपलब्धि पर प्रथा का कहना है कि वह स्कूल से आने के बाद रोजाओ छः घंटे की पढ़ाई घर पर करती थी। बता दें कि प्रथा के पिता बृजेश विश्नोई एक किसान है जबकि उनकी माता नीतू विश्नोई एक कुशल गृहिणी है। अपने परीक्षा परिणाम से काफी खुश प्रथा का यह भी कहना है कि विद्यार्थी अगर छोटे-छोटे लक्ष्य तय कर पढ़ाई करें तो उसे निश्चित ही सफलता मिलती है।
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