सीबीएसई: उत्तराखण्ड टॉपर लोकेश जोशी ने पाया मुकाम, पूरे देश में हासिल किया तीसरा स्थान
राज्य में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है बीते कुछ दिनों में ही इसका एक शानदार उदाहरण हमें फिर देखने को मिला है। पहले सीबीएसई के 12वीं के परीक्षा परिणामों में शानदार प्रदर्शन कर पूरे देश में टाप थ्री में आने के बाद राज्य के होनहारों ने सीबीएसई के 10वीं के परीक्षा परिणामों में भी अपना रूतबा कायम रखा और तीन विद्यार्थियों ने 497 अंक प्राप्त कर उत्तराखंड टापर बनने के साथ ही पुरे देश में तीसरा स्थान प्राप्त किया। जिनमें राज्य के ऊधमसिंह नगर जिले के किच्छा निवासी प्रतिभावान बालक लोकेश जोशी(Lokesh joshi CBSE toper) भी शामिल है। परिवार में गूगल ब्वॉय के नाम से फेमस लोकेश ने स्कूल और स्वाध्याय के बल पर अपनी कामयाबी की वह इबारत लिखी है, जिस पर परिजनों के साथ ही उत्तराखंड सहित पूरे देश को उस पर गर्व है। पूरे राज्य को गौरवान्वित करने वाले लोकेश ने अपने शानदार प्रदर्शन के द्वारा पूरे देश को फिर से देवभूमि उत्तराखंड और उसकी बेमिसाल प्रतिभाओं पर गर्व करने का मौका दिया है। लोकेश की इस उपलब्धि से क्षेत्र में हर्षोल्लास का माहौल है तथा उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।
अभी तक फेसबुक पर अपनी आईडी तक नहीं बनाई: बता दें कि राज्य के ऊधमसिंह नगर जिले के किच्छा स्थित सेंट पीटर्स स्कूल के दसवीं कक्षा के छात्र लोकेश जोशी ने इस वर्ष सीबीएसई परीक्षा में 99.4 प्रतिशत अंक लाकर देश में तीसरा, जबकि प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। बिना किसी कोचिंग के सफलता के इस शिखर को हासिल करने वाले लोकेश सोशल मीडिया से दूर रहते हैं। यहां तक कि लोकेश ने अभी तक फेसबुक पर अपनी आईडी भी नहीं बनाई है। अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता व सेंट पीटर्स स्कूल के शिक्षकों को देने वाले लोकेश का कहना है कि उन्हें टीवी के साथ ही उसे सोशल मीडिया में किसी तरह की दिलचस्पी नहीं है। लोकेश ने अपनी इस सफलता का मंत्र अपनी नियमित आठ घंटे की पढ़ाई को बताया है। अपने दोस्तों में फिजिक्स के महारथी के नाम से पुकारे जाने वाले लोकेश आई टी क्षेत्र में जाना चाहते है। लोकेश की मां ममता जोशी निकटवर्ती ग्राम कनकपुर के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका हैं जबकि उनके पिता उत्तर प्रदेश के बरेली के महात्मा गांधी इंटर कालेज में हिंदी के प्रवक्ता हैं। लोकेश ने छोटी कक्षा के छात्र-छात्राओं को सलाह दी है कि वे सोशल मीडिया से दूर रहकर सिर्फ अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें, क्योंकि सोशल मीडिया बच्चों का ध्यान भटका देती है।