उत्तराखण्ड: कमलेश के शव को वापस लौटाए जाने पर हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, नोटिस जारी
uttarakhand:मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने भारत सरकार को लगाई कड़ी फटकार, भेजा नोटिस..
दुबई से आए राज्य (uttarakhand) के मृतक किशोरकमलेश के शव को दिल्ली एयरपोर्ट से लौटाए जाने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार किया है। मृतक के भाई की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि इस तरह के अमानवीय कृत्यों को किसी भी परिस्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता। इतना ही नहीं हाईकोर्ट ने पूरे मामले को अजीबोगरीब और काफी चोंकाने वाला करार देकर न सिर्फ भारत सरकार को कड़ी फटकार लगाई है बल्कि एक नोटिस जारी कर 27 अप्रैल तक डेडबॉडी की लोकेशन व कंडीशन पर रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश भी दिए हैं। मृतक कमलेश के भाई की याचिका पर वीडियोकॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सुनवाई करते हुए न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की एकलपीठ ने मामले को अनौखा और अविश्वसनीय भी करार दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया को मानवता की सीख देने वाली भारत सरकार ऐसा निंदनीय कार्य कैसे कर सकती हैं। सुनवाई के दौरान भारत सरकार की ओर से कहा गया कि वह ऐसे मामलों के समाधान के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर का गठन कर रही है।
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कमलेश के भाई ने दायर की थी याचिका:-
गौरतलब है कि राज्य (uttarakhand) के टिहरी गढ़वाल जिले के जौनपुर ब्लॉक के सेमवाल गांव निवासी कमलेश भट्ट की बीते 16 अप्रैल को दुबई में मौत हो गई थी। सामाजिक कार्यकर्ता रोशन रतूड़ी के अथक प्रयासों से मृतक कमलेश का शव बीते 23 अप्रैल को दुबई से दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पहुंचा परन्तु एयरपोर्ट के अधिकारियों ने कमलेश के शव को यह कहकर वापस दुबई भेज दिया कि भारत सरकार ने किसी भी शव को स्वीकार न करने के सख्त आदेश दिए हैं। शव वापस लौटाए जाने से कमलेश के परिजन काफी दुखी थे और सरकार के इस अमानवीय रवैए के खिलाफ गुस्सा भी उनकी आंखों में झलक रहा था। जिसके बाद कमलेश के भाई विमलेश भट्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पूरे वाकए का विस्तार से वर्णन करते हुए हाईकोर्ट से मृतक कमलेश के पार्थिव शरीर को भारत लाने के लिए तत्काल आदेश पारित करने का आग्रह किया था। मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने भी भारत सरकार को कड़ी फटकार लगाई और उसे एक नोटिस जारी करते हुए कल तक उसका जवाब मांगा। हाईकोर्ट इस मामले में आगे की सुनवाई कल करेगा।
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