उत्तराखण्ड की सुप्रसिद्ध लोकगायिका संगीता ढौंडियाल का सबसे सुपरहिट पहाड़ी गीत..
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लोकगायिका संगीता ढौंडियाल (Sangeeta Dhoundiyal)उत्तराखण्ड संगीत जगत का एक ऐसा बेशुमार नाम है जिनके लोकगीतों में वास्तविक उत्तराखण्ड की संस्कृति झलकती है। आजकल के फूहड़ गीतों से कई मीलों दूर हटके उनके गीतों में वो गायन शैली देखने को मिलती हैं जिसमें पहाड़ की प्राचीन संस्कृति और रीति-रिवाज आज भी संजोई हुई है। इसी कारण संगीता के गीतों को आज भी हर वर्ग के लोग पसन्द करते हैं और अपनी इसी गायन शैली की बदौलत वह पहाड़ की एक लोकप्रिय गायिका भी है। वैसे तो आपने संगीता ढौंडियाल के बहुत से गीत सुने होंगे परन्तु आज हम जिस गीत की विडियो को आपको दिखाने जा रहे हैं वह संगीता के सुपरहिट गीतों में से एक है। संगीता के इस पहाड़ी गीत “ढोल दमाऊ बजीं गेना” की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसे अब तक एक करोड़ से अधिक लोगों द्वारा देखा जा चुका है।
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यह सर्वविदित है कि पहाड़ में हर मांगलिक कार्य का शुभारंभ ढोल और दमाऊ की थाप से किया जाता है। लोकगायिका संगीता ढौंडियाल ने उसी ढोल-दमाऊ की थाप पर अपने इस लोकप्रिय गीत “ढोल-दमाऊ बजीं गेना” को प्रस्तुत किया है। संगीता के आफिशियल यूट्यूब चैनल से 2018 में रिलीज हुए इस गीत को संगीता ने न सिर्फ अपनी मधुर आवाज दी है अपितु मिलन आजाद के साथ मिलकर इसका लिरिक्स भी तैयार किया है। इस गीत को रंजीत सिंह ने संगीतबद्ध किया है। गीत में संगीता कहती हैं कि साथ वाले की शादी में ढोल-दमाऊ बज गए हैं और मण्डार भी लग गया है जिससे शादी की खुशी में चार चांद लग गए हैं। इसके साथ ही संगीता ने अपने इस गीत में गढ़वाली शादी के रीति-रिवाजों का भी बखान किया है। जहां आजकल के फूहड़ गीत एक निश्चित समय के बाद लोगों के दिलों से ओझल हो जाते हैं वहीं संगीता का यह गीत दो साल बाद भी संगीत-प्रेमियों के साथ-साथ आम लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाए हुए हैं और वर्तमान में भी उत्साह का संचार कर उन्हें अपनी संस्कृति की याद दिला रहा है।
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