वायुसेना (Indian Airforce) की मांग पर एयर डिफेंस राडार और एडवांस लैंडिंग ग्राउंड की स्थापना के साथ ही चौखुटिया (Chaukhutiya) में एयरपोर्ट के लिए भी भूमि मुहैया कराएगी राज्य सरकार, मुख्यमंत्री ने दी सहमति..
लद्दाख में चीन के साथ बार्डर पर लगातार बढ़ते तनाव को देखते हुए उत्तराखण्ड में तैनात सेना के जवान भी सक्रिय हो गए हैं। जहां थल सेना ने चीनी बार्डर के साथ ही नेपाल की सीमाओं पर भी पहले से ज्यादा चौकसी बरतनी शुरू कर दी है वहीं वायुसेना (Indian Airforce) भी पूरी तरह सक्रिय हो गई है। वायुसेना के जहाज लगातार सीमाओं पर उड़ान भरकर दुश्मनों पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। इसी क्रम में बीते शुक्रवार को एयर मार्शल राजेश कुमार और राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के बीच एक अहम बैठक हुई जिसमें राज्य सरकार ने एयर मार्शल की मांग पर एयर डिफेंस राडार और एडवांस लैंडिंग ग्राउंड की स्थापना के लिए भूमि मुहैया कराने पर सहमति व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने खुद बैठक में इसका ऐलान करते हुए कहा कि भूमि की उपलब्धता के लिए एयर फोर्स व शासन स्तर पर नोडल अधिकारी नामित किए जाएंगे जो संयुक्त रूप से आवश्यकतानुसार भूमि चिह्नीकरण के संबंध में त्वरित कार्रवाई करेंगे ताकि वायुसेना सीमाओं पर अपनी गतिविधियों को आसानी से संचालित कर सकें। इसके साथ ही राज्य में स्थित हवाई अड्डों का विस्तार भी किया जाएगा और चौखुटिया (Chaukhutiya) में जल्द से जल्द नए एयरपोर्ट के लिए भूमि का चयन भी किया जाएगा, ताकि भविष्य में कठिन समय आने पर वायुसेना अपने आपरेशनों में चारों हवाई अड्डों का इस्तेमाल बिना किसी मुश्किल के कर पाएं।
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मुख्यमंत्री ने हवाई अड्डों के विस्तार के साथ ही सेना के लिए भूमि चिह्निकरण को बताया अपनी पहली प्राथमिकता, कहा राज्य सरकार सदैव सेना की सहायता करने को तत्पर:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार वायुसेना के सेंट्रल एयर कमांड के एओसी इन चीफ एयर मार्शल राजेश कुमार ने बीते शुक्रवार को राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुलाकात कर वायुसेना की गतिविधियों के संचालन के दौरान राज्य में होने वाली समस्याओं को उनके सामने रखा। इस दौरान एयर मार्शल ने जहां राज्य में स्थित पंतनगर, जौलीग्रांट एवं पिथौरागढ़ हवाई अड्डों के विस्तार के साथ ही चौखुटिया में एयरपोर्ट के लिए भूमि उपलब्ध कराने पर जोर दिया वहीं एयर डिफेंस रडार की स्थापना के लिए राज्य के चमोली, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी जिलों में भूमि उपलब्ध कराने की मांग भी की ताकि सेना को सीमांत क्षेत्र में उपयुक्त स्थलों पर राडार और एयर स्ट्रिप की सुविधा उपलब्ध हो सके। एयर मार्शल की मांग को सुनने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार सेना को कोई भी सहायता देने के लिए हमेशा तत्पर है। राज्य में एयर फोर्स की गतिविधियों के संचालन के लिए भूमि की व्यवस्था प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित की जाएगी। बैठक में यह भी बताया गया कि अल्मोड़ा के भैंसोली में तो एयर डिफेंस राडार की स्थापना को भूमि चिह्नित भी कर ली गई है। अन्य स्थानों पर भी जल्द ही भूमि का चिन्हीकरण कर लिया जाएगा।
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