उत्तराखण्ड: अपनी कड़ी मेहनत से ज्योति ने आईएसएस परीक्षा में हासिल की देश में 11वीं रैंक
देवभूमि दर्शन से खास बातचीत में ज्योति बताती है कि समय की कमी के कारण वह जाॅब में आने-जाने में लगने वाले समय का सदुपयोग कर उसमें भी पढ़ाई करती थी। हमेशा अपने लक्ष्य पर फोकस करने वाली ज्योति कहती हैं कि वह कभी भी अपनी असफलताओं से निराश नहीं हुई, सदैव अपनी गलतियों से सीखकर आगे बढ़ती गई। हमेशा अपने द्वारा बनाए गए टाइम टेबल का पालन करने के साथ-साथ सभी विषयों को बराबर समय दिया। यही उनकी सफलता का मूलमंत्र भी है। विकेंडस में जाॅब की छुट्टी होती तो छुट्टीयों में पूरा-पूरा दिन ज्योति केवल पढ़ाई ही करती रहती थी। ज्योति की इस उपलब्धि से जहां उनके घर में खुशी छाई हुई है वहीं पूरे क्षेत्र में भी हर्षोल्लास का माहौल है। ज्योति का सपना है कि वह भविष्य में देश की किसी अभूतपूर्व सफलता का हिस्सा बनें। साथ ही ज्योति यह भी कहती हैं कि वह अपने ज्ञान और क्षमता का उपयोग कर अपनी मातृभूमि के लिए भी कुछ करना चाहती है। बता दें कि ज्योति के अलावा देवभूमि उत्तराखंड की दो बेटियों प्रीति तिवारी और भावना जोशी ने भी इस बार की आईएएस परीक्षा में सफलता हासिल की थी।
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