Pithoragarh news today : बॉर्डर में तैनात बेटे के पिता की चली गई जिंदगी, बेटे का घर पहुँचना था मुश्किल, उधर बेटियों ने रूढ़िवादी परंपरा को तोड़ निभाया फर्ज, पिता को दी मुखाग्नि…..
Pithoragarh news today : हिंदू धर्म की पारंपरिक मान्यताओं के आधार पर माना जाता है कि माता पिता की मृत्यु के बाद केवल उनके बेटे ही उन्हे मुखाग्नि दे सकते है जो धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। लेकिन अक्सर कई बार देखा जाता है कि जिन घरों मे पुत्र नही होते है उस घर की बेटियां माता-पिता को अक्सर कंधा देती है। ऐसी ही कुछ खबर पिथौरागढ़ जिले से सामने आ रही है जहां पर दो बेटियों ने रूढ़िवादी परंपरा को तोड़कर एक बेटे की तरह अपने पिता के दाह संस्कार की सारी रस्मे निभाते हुए अपने पिता को मुखाग्नि दी है ।
didihat news today अभी तक मिली जानकारी के अनुसार पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट क्षेत्र के बुंगाछीना के तोक खुलेती गांव के निवासी 54 वर्षीय रविंद्र लाल का बीते 15 फरवरी की देर रात हृदय गति रुकने से आकस्मिक निधन हो गया। जिसके कारण वो अपने पीछे अपनी पत्नी दो बेटियों प्रियंका और एकता समेत अपने बेटे सचिन कुमार को रोता बिलखता छोड़ गए । जिसकी सूचना उनके बेटे सचिन कुमार को दी गई जो इंडियन तिब्बत पुलिस बल (ITBP) मे सेवारत है और अभी उनकी पोस्टिंग अरुणाचल के बॉर्डर इलाके में है। यह भी पढ़ें- पत्नी संग पंचतत्व में विलीन हुए CDS बिपिन रावत, एक ही चिता पर बेटियों ने दी माता-पिता को मुखाग्नि
Pithoragarh news live जिस पर सचिन को भारी दुख हुआ वहीं उन्हे घर आने के लिए तीन दिन का समय लग रहा था जिसके कारण परिवार के सामने रविंद्र लाल के दाह संस्कार करने की अडचने आने लगी तो रविंद्र लाल की बड़ी बेटी प्रियंका और छोटी बेटी एकता अपने पिता के दाह संस्कार करने के लिए आगे बढ़ी और हिंदू रीति रिवाज की तमाम मर्यादाओं और सामाजिक रूढ़िवादी परंपराओं को तोड़ते हुए अपने पिता की अर्थी को न सिर्फ कंधा दिया बल्कि शव यात्रा में शामिल होकर अपने पिता को मुखाग्नि देने का संकल्प भी लिया। इसके बाद रामगंगा और कोकिला नदी के संगम घाट पर प्रियंका और एकता ने नम आंखों के बावजूद खुद मे साहस जुटा कर अपने पिता को मुखाग्नि दी तथा बेटे की कमी को पूरा कर अपना फर्ज निभाया। यह भी पढ़ें- उत्तराखण्ड : बेटी ने पूरी की पिता की अंतिम इच्छा, रूढ़ियां तोड़कर दी पिता की चिता को मुखाग्नि