Rajendra Singh Negi: बीते नौ जनवरी से लापता गढ़वाल राइफल्स के हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी का शव बरामद, रविवार शाम तक देहरादून पहुंचेगा पार्थिव शरीर..
इस वक्त की सबसे बड़ी खबर कश्मीर बार्डर से आ रही है जहां बीते 9 जनवरी को गुलमर्ग से लापता हुए 11 गढ़वाल राइफल्स के हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी (Rajendra Singh Negi) का शव बर्फ के नीचे से बरामद हो गया है। सेना के अधिकारियों द्वारा आज ही इसकी सूचना परिजनों को दी गई है। विदित हो कि हाल ही में सेना ने लापता राजेंद्र सिंह नेगी को शहीद घोषित किया था लेकिन शहीद राजेन्द्र के परिजन इस बात को मानने के लिए कतई तैयार नहीं थे। हवलदार राजेंद्र की पत्नी राजेश्वरी देवी ने सेना से या तो राजेंद्र का पार्थिव शरीर खोजने या फिर उन्हें जीवित ढूंढने की मांग की थी। बताया गया है कि शहीद राजेन्द्र का पार्थिव शरीर रविवार को सेना के विशेष वाहन से दिल्ली भेजा जाएगा। जहां से पार्थिव शरीर के रविवार शाम तक देहरादून पहुंचने की संभावना है। शहीद राजेन्द्र का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ सोमवार 17 अगस्त को हरिद्वार में किया जाएगा।
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शव मिलने की सूचना से परिवार में कोहराम, बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल, शहीद की पत्नी की आंखों से नहीं थम रहे आंसू:-
गौरतलब है कि मूल रूप से राज्य के चमोली जिले के पज्याणां गांव निवासी राजेंद्र सिंह नेगी भारतीय सेना की 11 गढ़वाल राइफल्स में हवलदार के पद पर तैनात थे। वर्तमान में उनकी पोस्टिंग कश्मीर के गुलमर्ग में तैनात थी। बीते 9 जनवरी को वह गश्त के दौरान बर्फ में फिसलकर पाकिस्तान सीमा पर जा पहुंचे थे और तभी से उनका कोई सुराग नहीं है। सेना के अधिकारियों द्वारा मई में उन्हें बेटल केजुअल्टी मानते हुए शहीद घोषित कर दिया था। बता दें कि शहीद की पत्नी राजेश्वरी देवी अपने तीन बच्चों के साथ देहरादून जिले के अंबीवाला स्थित सैनिक कॉलोनी में रहती हैं जबकि उनके माता-पिता तथा भाई गांव में ही रहते हैं। जवान का पार्थिव शरीर मिलने की खबर से ही परिजनों की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। जहां अभी तक पिता की राह देख रहे बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है वहीं शहीद की पत्नी राजेश्वरी की आंखों से भी आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। बताते चलें कि शहीद की दो बेटियां अंजलि और मीनाक्षी आठवीं और चौथी कक्षा में पढ़ती हैं जबकि उनका बेटा प्रियांश छठी कक्षा में है।
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