11वी गढ़वाल राइफल्स में तैनात उत्तराखंड का लाल राजेंद्र सिंह नेगी… पाकिस्तान सीमा पर लापता
अभी-अभी पाकिस्तान बार्डर से भारतीय सेना (iNDIAN ARMY) में तैनात देवभूमि उत्तराखंड के वीर सपूत की अचानक लापता होने की खबर सामने आ रही है। बताया गया है कि भारतीय सेना की 11 गढ़वाल राइफल में हवलदार के पद पर तैनात राजेंद्र सिंह नेगी कश्मीर के गुलमर्ग में गश्त के दौरान बर्फ में फिसल गए। इसके बाद से उनका कुछ पता नहीं चला। सेना के अधिकारियों द्वारा आशंका जताई जा रही है कि वह पाकिस्तानी सीमा में पहुंच गए हैं। जवान के अचानक लापता होने की खबर जैसे ही सेना के अधिकारियों द्वारा राजेंद्र के परिजनों को दी गई तो घर में कोहराम मच गया। बता दें कि लापता जवान राजेंद्र मूल रूप से राज्य के चमोली जिले के गैरसैंण में स्थित पंजियाणा गांव के रहने वाले हैं तथा वर्तमान में उनका परिवार देहरादून जिले के अम्बीवाला में रहता है। इस दुखद घटना के बाद से परिजनों की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। सेना के अधिकारियों का कहना है कि सेना उनकी तलाश कर रही है। विदित हो कि इन दिनों पाकिस्तान सीमा पर तनाव बहुत बड़ा हुआ है जिसने लापता जवान राजेंद्र के परिजनों की चिंता को और बढ़ा दिया है। बताया गया है कि हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी बीते अक्टूबर में ही छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर लौटे थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार देहरादून के अंबीवाला स्थित सैनिक कॉलोनी निवासी हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी बीते नौ जनवरी को सुबह करीब 11 बजे गुलमर्ग में पाकिस्तान सीमा के पास पैदल पैट्रोलिंग के कर रहे थे। प्रैट्रोलिंग के दौरान हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी का बर्फ में पैर फिसल गया और वे रपटकर सीमा पार पाकिस्तान पहुंच गए। जिसके बाद से उनका कोई पता नहीं चल पाया है। सेना के अधिकारियों द्वारा जैसे ही जवान के लापता होने की सूचना परिजनों को दी गई तो परिवार में हड़कंप मच गया। खबर सूनने के बाद से जहां हवलदार राजेंद्र की पत्नी राजेश्वरी देवी और उनके तीन बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है वहीं जवान के माता-पिता एवं स्वजनों की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। बता दें कि चार भाइयों में सबसे बड़े राजेंद्र के माता-पिता अपने अन्य तीन बच्चों के साथ पैतृक गांव पंजियाणा में ही रहते हैं। गांव में ही लापता जवान के पिता रतन सिंह नेगी की चाय की एक छोटी सी दुकान है। लापता जवान की दो बेटियां अंजलि और मीनाक्षी आठवीं और चौथी कक्षा में पढ़ती हैं जबकि उनका बेटा प्रियांश छठी कक्षा में है। पत्नी का कहना है कि लापता होने से एक दिन पहले आठ जनवरी को उन्होंने फोन पर अपने बच्चों और पत्नी से बात की थी।