Dehradun: संबंधों को तार-तार कर मां की ममता को कलंकित करने वाली मीनू कौर को अदालत ने सुनाई उम्रकैद की सजा, तीन साल पहले दरिंदगी से की थी सौतेली बेटी का हत्या (Murder)
हमारे देश में माता-पिता को भगवान से भी बड़ा बताया गया है। यह भी सर्वमान्य सत्य है कि बच्चों को मामूली सी खरोंच लगने पर भी मां की आंखों से आंसू आ जाते हैं। मां की ममता में दुनिया के हर ग़म को भुलाने की अदृश्य शक्ति विद्यमान रहती है। परंतु कई बार हमारे समाज में ऐसी हृदयविदारक घटनाएं घटित होती है जो न केवल मां की ममता को कलंकित करती है बल्कि इस शब्द की गरिमा को भी धूमिल करती है। यदि ऐसी हृदयविदारक घटनाएं देवभूमि में घटित हो तो यह हमारे समाज के लिए और भी ज्यादा अफसोस की बात है। राजधानी देहरादून (Dehradun) में तीन साल पहले हुई ऐसी ही एक हृदयविदारक घटना में अदालत ने संबंधों को तार-तार करने वाली एक महिला मीनू कौर को दोषी करार देते हुए उसे अपनी सौतेली बेटी की बेरहमी से हत्या (Murder) करने के मामले में उम्रकैद और 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश गुरुबख्श सिंह ने शुक्रवार को इस मामले का फैसला की सुनाते हुए कहा कि बेटी को लेकर मीनू कौर के दिल में कितनी नफरत थी, इसका अंदाजा कत्ल को करने के तरीके से लगाया जा सकता था।
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आरोपित मां ने हत्या के बाद बेटी के शव को दो टुकड़ों में काटकर तीन दिन तक रखा था बाथरूम में:-
गौरतलब है कि राज्य के देहरादून जिले में बीते 6 फरवरी 2018 को मीनू कौर ने अपनी सौतेली बेटी प्राप्ति सिंह की हत्या कर दी थी। घटना के बाद पुलिस के द्वारा पूछताछ करने पर मीनू कौर ने बताया था कि छह फरवरी की रात को उसका प्राप्ति से झगड़ा हो गया था, जिससे वह गुस्से में अपना आपा खो बैठी और प्राप्ति के सोने का इंतजार करने लगी। रात के करीब डेढ़ बजे जब प्राप्ति गहरी नींद में थी, तो उसने पहले प्राप्ति की कनपटी पर ईंट से कई प्रहार किए और फिर खुखरी से उसकी गर्दन काटने की कोशिश की। इतना ही नहीं प्राप्ति की हत्या करने के बाद मीनू ने उसके शव को बाथरूम में पहुंचाया जहां उसने खुखरी से शव को दो हिस्सों में काटा और चादर में लपेटकर तीन दिनों तक छिपाएं रखा। पुलिस पूछताछ में उसने यह बात खुद कबूली थी कि शव के दो टुकड़े करने में उसे करीब सवा चार घंटे का समय लगा था। इसके अतिरिक्त मीनू ने पुलिस को गुमराह करने के लिए भी चालाकी दिखाते हुए आठ फरवरी 2018 को आईएसबीटी चौकी में प्राप्ति की गुमशुदगी रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। हालांकि इसी चालाकी के कारण पुलिस ने प्राप्ति हत्याकांड का खुलासा करते हुए मीनू को गिरफ्तार कर लिया था। सबसे हैरान करने वाली बात तो यह कि अपना जुर्म कबूलने के बाद पुलिस हिरासत में मीनू ने पुलिसकर्मियों से भी यह पूछा कि ‘मैंने बेटी के टुकड़े करके ठीक किया ना?’
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