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alt="DM Mangesh ghildiyal said that Garhwali syllabus will be start in primary school of Tehri garhwal"

IAS DM MANGESH GHILDIYAL

डीएम मंगेश घिल्डियाल जल्द करेंगे टिहरी के प्राथमिक विद्यालयों में गढ़वाली पाठ्यक्रम लागू

DM Mangesh ghildiyal: टिहरी गढ़वाल के जिलाधिकारी मंगेश जल्द शुरू करेंगे जिले के प्राथमिक विद्यालयों में गढ़वाली पाठ्यक्रम, बच्चों को पांचवीं तक की शिक्षा दी जाएगी गढ़वाली में..

केन्द्र सरकार ने हाल ही में न‌ई शिक्षा नीति-2020 को मंजूरी दी है। जिसमें एक प्रावधान यह भी है कि पांचवीं कक्षा तक के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा उनकी उनकी मातृभाषा में दी जाएगी यानी बच्चे पांचवीं कक्षा तक की पढ़ाई अपनी मातृभाषा में करेंगे। सरकार के इस कदम को देश के बड़े-बड़े शिक्षाविदों द्वारा भी सराहा जा रहा है। भले ही अभी न‌ई शिक्षा नीति को लागू होने में काफी समय हो लेकिन उत्तराखंड के एक लोकप्रिय जिलाधिकारी अपने जिले में जल्द ही इसे शुरू करने जा रहे हैं। जी हां.. यह सौभाग्य मिला है टिहरी गढ़वाल जिले के बच्चों को, जिन्हें अब पांचवीं तक की शिक्षा गढ़वाली में दी जाएगी। टिहरी गढ़वाल के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल (DM Mangesh ghildiyal) ने खुद इसके लिए पहल की है। वह खुद प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा एक से पांच तक गढ़वाली पाठ्यक्रम शुरू करने के विषय में गहनता से विचार कर रहे हैं। शिक्षकों और शिक्षाविदों से सुझाव मांग रहे हैं।
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कोरोना काल में आनलाइन होगी गढ़वाली में पढ़ाई, पिछले वर्ष मुख्यमंत्री ने भी किया था कुछ गढ़वाली पुस्तकों का विमोचन:- बता दें कि टिहरी गढ़वाल जिले के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने साफ किया है कि टिहरी जिले के प्राथमिक विद्यालयों में जल्द ही गढ़वाली पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। जिलाधिकारी का कहना है कि जिले के प्राथमिक विद्यालयों में गढ़वाली पाठ्यक्रम लागू करने के लिए गहनता से विचार किया जा रहा है। उनका कहना है वर्तमान परिस्थिति में जबकि कोरोना के कारण स्कूल बंद हैं, ऐसे में उनकी ओर से कोशिश की जा रही है कि गढ़वाली पाठ्यक्रम को जल्द शुरू कर इसकी पढ़ाई आनलाइन कराई जाए। विदित हो कि पिछले वर्ष गढ़वाल कमीश्नरी की 50 वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित सुनैरू गढ़वाल कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कक्षा एक से पांचवीं तक के लिए गढ़वाली पुस्तकों का विमोचन किया था। इन पुस्तकों के नाम धगुली, हंसुळि, छुपकी, पैजबि और झुमकी प्रसिद्ध गढ़वाली आभूषणों के नाम पर रखे गए थे, जिन्हें पौड़ी गढ़वाल जिले के जिलाधिकारी धीरज सिंह गर्ब्याल की पहल पर तैयार किया गया था।

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