अल्मोड़ा: घायल अर्णव ने बयां की कार हादसे की दास्तां, बोला मां पिता बहन ने तड़पते हुए तोड़ा दम
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roorkee Munendra Saini Accident अर्णव ने बताया कि अंधेरे में ये जद्दोजहद चलती रही और कुछ देर बाद पापा भी शांत हो गए। इसके कुछ देर बात जब उजाला हुआ तो उसने फिर पापा को उठाने की कोशिश की, लेकिन अब उसे एहसास हो गया था कि पापा भी नहीं रहे। इसके बाद वह गांव की तरफ चला , बीजौली गांव में जिस शख्स को उसने पहली बार यह कहानी सुनाई उसे बात पर विश्वास नहीं हुआ लेकिन बच्चे का हुलिया देख वह समझ गया इसके बाद ग्रामीण मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी गई। मुनेंद्र सैनी की मां उषा सैनी करीब 62 साल की है जो कि रुड़की के साउथ सिविल लाइन में रहती है इस हादसे के बारे में बीते मंगलवार को सभी परिजनों और रिश्तेदारों को पता चल गया जिसके चलते उनके घर पर बहुत सारे लोगों का आना-जाना लगा रहा सभी उषा को यह दिलासा दे रहे थे कि मुनेंद्र को मामूली चोट लगने की सूचना मिली तो वह कुशलक्षेम के लिए के लिए आए है और मुनेंद्र की मां को दिलासा दे रहे थे की सब ठीक हो जाएगा क्योंकि उन्हें पता था की जैसे ही इस दु:खद घटना की खबर उन्हें लगेगी वह सदमे मे चली जाएगी लेकिन माँ को कहाँ पता था की उनका बेटा ,बहू और नातिन अब इस दुनिया को छोड़ चुके है।दुर्घटना का शिकार हुई स्टाफ नर्स शशि सैनी 3 माह पहले ही गई अल्मोड़ा के देघाट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात हुई थी और कुछ दिन पूर्व ही वह बच्चों से मिलने घर गई थी। गर्मी की छुट्टियां थी तो बच्चों ने देघाट घूमने की जिद्द की जिसके चलते बच्चों की जिद के आगे माँ कमजोर पड़ गई और अपने पति के साथ देघाट की ओर निकल गई लेकिन देघाट पहुंचने से पहले ही हादसा हो गया जिसमें शशि समेत उनके पति और बेटी की जान चली गई।