उत्तराखण्ड: पहाड़ में की इटली के जोड़े ने वैदिक परंपराओं के अनुसार शादी, ग्रामीण भी हुए शामिल
भारतीय संस्कृति हमेशा से ही विदेशियों को अपनी ओर आकर्षित करती रही है। वर्तमान में भी ऐसे अनेक उदाहरण हमारे सामने आते रहते हैं जब विदेशी नागरिकों ने भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति से प्रभावित होकर या तो इसे अपना लिया हो या फिर उन्होंने इसके रीति रिवाजों या परम्पराओं से शादी के अटूट बंधन को स्वीकार किया हो। आज एक बार फिर हम आपको एक ऐसी ही हसीन पल से रूबरू कराने जा रहे हैं। जी हां.. इस बार विदेशियों की इस शादी का गवाह बनी है देवभूमि उत्तराखंड की पावन धरती। जहां उत्तरकाशी जिले में इटली निवासी एक जोड़े ने परम्परागत भारतीय परिधानों में गढ़वाली रीति रिवाज से शादी कर एक बार फिर इस संस्कृति की महत्ता को सिद्ध किया है। वैदिक परंपराओं के साथ हुए इस अनूठे विवाह समारोह में साधु संतों के साथ ही स्थानीय ग्रामीण भी सम्मिलित हुए। सबसे खास बात तो यह है कि यह नवविवाहिता जोड़ी पिछले महीने ही भारत में घूमने के लिए आयी थी। भ्रमण के दौरान उन्हें भारतीय संस्कृति इतनी सुन्दर लगी कि उन्होंने भारतीय रीति रिवाजों से विवाह करने का मन बना लिया।
बता दें कि इटली के सिसली शहर निवासी युवा स्टेनकैंपिआनो कॉन्सिटा और युवती स्कैन्डरिआटो गेटानो पिछले माह पहली बार भारत भ्रमण पर आए थे। घूमते-घूमते जैसे ही देवभूमि उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में पहुंचे तो इनकी मुलाकात गणेशपुर उत्तरकाशी स्थित योग विद्या गुरुकुल आश्रम के संस्थापक स्वामी आनंद सरस्वती से हुई। स्वामी जी से हुई बातचीत एवं उनकी दिनचर्या को देखकर यह दोनों भारतीय संस्कृति से काफी प्रभावित हुए, और इन्होंने इसी से प्रेरणा लेकर वैदिक परंपराओं के अनुसार विवाह करने का निर्णय लिया। उनका यह निर्णय सुनकर आश्रमवासी बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने इसकी सारी तैयारियां भी खुद की। बीते सोमवार को आश्रम परिसर में ही अग्निकुंड व मंडप सजाया गया। इतना ही नहीं इसी बीच हल्दी हाथ, मंगल स्नान जैसे अनेकों गढ़वाली रीति-रिवाजों का भी पालन किया गया। जिसके बाद भारतीय पारंपरिक परिधान में सजे इस विदेशी जोड़े का वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ विवाह संपन्न कराया गया। बताया गया है कि युवक स्टेनकैंपिआनो कॉन्सिटा इटली में ही खगोल भौतिक विज्ञानी का कार्य करते हैं। आश्रमवासियों के अनुसार पिछले वर्ष भी आश्रम में इसी तरह एक विदेशी जोड़े का भारतीय संस्कृति एवं वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विवाह संपन्न कराया गया था।