Uttarakhand: आईएमए देहरादून (Dehradun IMA) से अंतिम पगबाधा पार कर सेना में अफसर बने नवीन, विपरित परिस्थितियों से उभरकर साकार किया स्वर्गीय पिता का सपना..
भारत माता पर सर्वस्व न्यौछावर करने तथा जान की बाजी लगाकर भी मां भारती की रक्षा करने की शपथ लेकर आज देश के 325 नौजवान अफसर बनकर भारतीय सेना में शामिल हो गए। जी हां.. आईएमए देहरादून ने आज फिर देश की सेना को 325 वीर सपूत प्रदान किए, जिनके सेना में शामिल होने से जहां देश की सैन्य क्षमता में इजाफा हुआ वहीं इन नौनिहालों के सपनों को भी पंख लगे। बात अगर उत्तराखण्ड (Uttarakhand) की करें तो देवभूमि उत्तराखंड के भी 24 नौनिहाल आज आईएमए देहरादून (Dehradun IMA) से पासआउट होकर भारतीय सेना में अधिकारी बन गए है। इन्हीं युवाओं में नवीन भट्ट भी शामिल हैं। जी हां.. मूल रूप से राज्य के टिहरी गढ़वाल जिले के रहने वाले नवीन भट्ट ने आज पासिंग आउट परेड के दौरान अंतिम पगबाधा पार कर न सिर्फ अपने स्वर्गीय पिता के सपनों को साकार किया बल्कि सेना में अफसर बनकर समूचे प्रदेश को भी गौरवान्वित किया। पिता को खोने के बावजूद जिस तरह नवीन ने अपने बुलंद हौसलों, कड़ी मेहनत एवं लगन के बलबूते यह मुकाम हासिल किया वह वाकई काबिल-ए-तारीफ है। नवीन की इस उपलब्धि से जहां उनके पैतृक गांव सहित पूरे परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं क्षेत्र में भी खुशी की लहर है।
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वर्तमान में देहरादून में रहता है नवीन का परिवार, विपरित परिस्थितियों से उभरकर पाया मुकाम:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के टिहरी गढ़वाल जिले के मगरौं गांव निवासी नवीन भट्ट आज आईएमए देहरादून में आयोजित पासिंग आउट परेड के दौरान भारतीय सेना में अफसर बन गए है। बता दें कि नवीन का परिवार पिछले आठ वर्षों से राजधानी देहरादून के बालावाला नकरौंदा में रहता है। नवीन ने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए न सिर्फ कड़ा परिश्रम किया बल्कि समय ने भी उनकी काफी परीक्षा ली। टीएचडीसी में कार्यरत पिता स्वर्गीय रतनमणि भट्ट के अकस्मात देहांत के बाद एक बार तो नवीन पूरी तरह टूट गए थे। छोटी सी उम्र में पिता को खोने के ग़म ने उन्हें पूरी तरह दुखी कर दिया था परंतु जल्द ही वह इस विपरित परिस्थितियों से उमड़े और पिता के सपने को पूरा करने का निश्चय करते हुए सेना में जाने की तैयारी शुरू कर दी। नवीन बताते हैं कि पिता के देहांत के बाद उनके परिवार को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा लेकिन इस मुश्किल वक्त में उन्होंने कभी हार नहीं मानी बल्कि इसने उन्हें और अधिक मजबूत किया। बताते चलें कि नवीन ने दसवीं तक की शिक्षा विन फिल्ड अकेडमी से प्राप्त की जबकि उनकी बारहवीं तक की पढ़ाई संत कबीर एकेडमी हर्रावाला से हुई। इसके बाद उन्होंने आईएमए देहरादून में प्रवेश लिया और करीब 18 महीने के कठिन प्रशिक्षण के बाद शनिवार 12 दिसंबर को वह कमीशन प्राप्त कर सेना में अधिकारी बन गए।
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