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Pithoragarh UCC registration marriage card printed uttarakhand uniform civil code
सांकेतिक फोटो Pithoragarh UCC marriage registration

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उत्तराखण्ड: अजब-गजब बच्चों के स्कूल जाने के बाद अब परिजन दुबारा छपा रहे अपनी शादी के कार्ड

Pithoragarh UCC marriage registration: उत्तराखण्ड में अब बच्चों के स्कूल जाने के बाद दंपतियों को दुबारा छपाने पढ़ रहे अपनी शादी के कार्ड, UCC के बाद बढ़ा विवाह पंजीकरण का दबाव….

Pithoragarh UCC marriage registration: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने के बाद एक अनोखा दृश्य सामने आ रहा है। जिन लोगों की शादी को दस-पंद्रह साल बीत चुके हैं, वे अब अपने विवाह के कार्ड छपवा रहे हैं — वो भी तब, जब उनके बच्चे स्कूल जाने लगे हैं। कारण है विवाह का अनिवार्य पंजीकरण, जो अब सभी दंपतियों के लिए जरूरी कर दिया गया है। पिथौरागढ़ निवासी प्रदीप तिवारी और दीपिका की शादी को 14 साल हो चुके हैं। उनकी बेटियां क्रमशः नौंवी और आठवीं कक्षा में पढ़ती हैं। लेकिन हाल ही में उन्होंने अपना विवाह पंजीकरण करवाने के लिए शादी का कार्ड छपवाया है। दरअसल, वर्ष 2010 के बाद विवाह करने वाले सभी जोड़ों के लिए पंजीकरण के समय शादी का कार्ड या शपथपत्र प्रस्तुत करना आवश्यक हो गया है। बहुत से जोड़ों के पास अब इतने सालों बाद वह कार्ड उपलब्ध नहीं है, इसलिए वे नया कार्ड छपवाकर इसे दस्तावेज के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। आपको बता दें कि कानून लागू होने के छह माह के भीतर पंजीकरण न कराने वालों पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा जबकि पंजीकरण में गलत तथ्य प्रस्तुत करने पर 25 हजार का जुर्माना लगेगा।

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Pithoragarh UCC registration marriage card printed: बढ़ती मांग ने दी प्रिंटिंग प्रेस को नई रफ्तार, सीएससी केंद्रों पर भी उमड़ रही भारी भीड़

पिथौरागढ़ के नागराज प्रिंटिंग प्रेस के संचालक नीतेश उप्रेती मीडिया से बातचीत में बताते हैं कि रोजाना कई लोग सिर्फ विवाह पंजीकरण के लिए शादी के कार्ड छपवाने आ रहे हैं। चंपावत के प्रिंटिंग व्यवसायी योगेश पांडे भी कहते हैं कि चूंकि शपथपत्र और कार्ड का खर्च लगभग बराबर है, इसलिए लोग कार्ड को प्राथमिकता दे रहे हैं — यह दस्तावेज के साथ-साथ यादगार भी बन जाता है। कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) में विवाह पंजीकरण के लिए लोगों की संख्या में अचानक वृद्धि देखी जा रही है। खासतौर पर सरकारी कर्मचारी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इस प्रक्रिया में आगे हैं, क्योंकि विभागीय स्तर पर पंजीकरण की अनिवार्यता को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
गवाह और पंडित की “सेवा” भी उपलब्ध: नाम न बताने की शर्त पर एक सीएससी संचालक ने बताया कि कई केंद्र गवाह, पंडित और अन्य प्रमाण की व्यवस्था भी खुद करवा रहे हैं। हालांकि इसके लिए अतिरिक्त शुल्क लिया जा रहा है। यह सब इसलिए ताकि पंजीकरण प्रक्रिया को सरल और शीघ्र बनाया जा सके।
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पंजीकरण न करने पर जुर्माना

uttarakhand UCC registration marriage card printed uniform civil code यूसीसी के तहत यदि कोई दंपति विवाह पंजीकरण नहीं कराता है, तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है। इसी डर के चलते अब लोग तेजी से पंजीकरण की ओर अग्रसर हो रहे हैं। सहायक नगर आयुक्त राजदेव जायसी के अनुसार, पंजीकरण के लिए कोई एक वैध दस्तावेज जरूरी है। लोग अधिकतर कार्ड या शपथपत्र का सहारा ले रहे हैं। उत्तराखण्ड गृह विभाग ने इस विषय में सभी जिलों को आदेश जारी किए हैं कि सरकारी कर्मचारियों को विवाह पंजीकरण के प्रति जागरूक किया जाए। अपर सचिव निवेदिता कुकरेती ने बताया कि यूसीसी लागू होने के बाद अब तक 1,33,105 लोगों ने पंजीकरण कराया है। आगे और भी सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।
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Sunil

सुनील चंद्र खर्कवाल पिछले 8 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे राजनीति और खेल जगत से जुड़ी रिपोर्टिंग के साथ-साथ उत्तराखंड की लोक संस्कृति व परंपराओं पर लेखन करते हैं। उनकी लेखनी में क्षेत्रीय सरोकारों की गूंज और समसामयिक मुद्दों की गहराई देखने को मिलती है, जो पाठकों को विषय से जोड़ती है।

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