उत्तराखंड (Uttarakhand) में एक बार फिर थमें 80 फीसदी रोडवेज बसों (Roadways Bus) के पहिए, कर्मचारी यूनियन ने शुरू की हड़ताल (Strike).. Strike
राज्य (Uttarakhand) के अधिकांश लोगों के सुख-दुख का साथी उत्तराखण्ड रोडवेज (Roadways Bus) आज एक बार फिर चर्चाओं में हैं। इस बार चर्चा का कारण है उत्तराखंड रोडवेज के कर्मचारियों की हड़ताल (Strike), जी हां.. लम्बित वेतन भुगतान सहित सात सूत्री मांग को लेकर उत्तराखण्ड रोडवेज के कर्मचारी बुधवार सुबह से एक बार फिर हड़ताल पर चले गए हैं। उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन की इस हड़ताल से बुधवार सुबह से ही लगभग 80 फीसदी रोडवेज बसों के पहिए नए साल में पहली बार थम गए है। हालांकि अभी भी 20 फीसदी ड्राईवर रोडवेज की बसों को संचालित कर रहे हैं परन्तु इसके बावजूद भी यात्रियों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही। बता दें कि राज्य के देहरादून मंडल में रोडवेज कर्मचारियों की पांच दिन से हड़ताल चल रही है। बुधवार 13 जनवरी से इसमें राज्य के अन्य मंडलों के कर्मचारी भी शामिल हो गए। खबर है कि रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल को देखते हुए उत्तराखंड परिवहन निगम के अधिकारियों ने कर्मचारी यूनियन को वार्ता के लिए बुला लिया है।
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बीते पांच माह से नहीं मिला है रोडवेज कर्मचारियों को वेतन, यूनियन के महामंत्री बोले मांगे माने जाने तक जारी रहेगा आंदोलन, निगम महाप्रबंधक ने कहा किया जा रहा है कर्मचारी यूनियन को मनाने का प्रयास:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार रोडवेज कर्मचारियों को बीते पांच माह से रोडवेज कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के बेनर तले रोडवेज के कर्मचारी कई बार वेतन देने सहित अपनी 7 मांगों को परिवहन निगम के अधिकारियों के सम्मुख रख चुके हैं परन्तु अभी तक दोनों पक्षों में मांगों पर सहमति नहीं बन पा रही है। इस संबंध में यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, वह आंदोलन जारी रखेंगे। उन्होंने बताया कि बुधवार से यूनियन से जुड़े करीब 3500 कर्मचारी हड़ताल पर हैं। इनमें बड़ी संख्या ड्राईवर और कंडक्टरों की है। उधर निगम के महाप्रबंधक संचालन दीपक जैन का कहना है कि कर्मचारी यूनियन से वार्ता कर उन्हें मनाने का प्रयास किया जा रहा है। उम्मीद है जल्द ही दोनों पक्षों में सहमति बन जाएगी। बहरहाल ये तो वक्त ही बताएगा कि दोनों पक्षों बातचीत कर कोई रास्ता निकाला पाते हैं या नहीं। परंतु रोडवेज कर्मचारियों की इस हड़ताल से यात्रियों की फजीहत होना तय है। लम्बे समय तक रोडवेज बसों का संचालन बंद होने से उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। जिसकी खबरें बुधवार से ही आनी शुरू हो गई है।
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