पूरे सैन्य सम्मान के साथ हुआ सेना में तैनात उत्तराखंड के जवान (Uttarakhand Soldier) यशपाल सिंह का अंतिम संस्कार (Funeral), बेटे सुजल ने सलामी देकर किया पिता को विदा..
भारतीय सेना में तैनात देश के वीर सपूत हवलदार यशपाल सिंह रावत शुक्रवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। हवलदार यशपाल (Uttarakhand Soldier)की अंतिम यात्रा में उमड़े सैकड़ों लोगों ने उन्हें नम आंखों से विदाई दी। इस दौरान रामनगर में यशपाल रावत अमर रहे के नारे गुंजते रहे। इससे पूर्व जैसे ही मृतक के परिजन उनका पार्थिव शरीर लेकर नैनीताल जिले के रामनगर के मयूर बिहार पीरुमदारा में स्थित आवास पर पहुंचे तो कोहराम मच गया। बेटी सृष्टि के साथ ही अन्य परिजनों की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ पड़ी, हर कोई हवलदार के अंतिम दर्शनों और परिजनों को सांत्वना देने के लिए उनके घर चला आया। परिजनों के अंतिम दर्शनों के बाद विश्राम घाट पर मृतक हवलदार का अंतिम संस्कार(Funeral)गमहीन माहौल में पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया। जहां उनके पुत्र सुजल ने पहले पिता को अंतिम सलामी दी और फिर उनकी चिता को मुखाग्नि दी।
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वर्तमान में राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे हवलदार यशपाल, तीन अक्टूबर को ही छुट्टियां पूरी कर गए थे ड्यूटी पर:-
गौरतलब है कि मूल रूप से राज्य के मूल रूप से राज्य के पौड़ी गढ़वाल जिले के बेजरो तोल्यूं गांव निवासी यशपाल सिंह रावत पुत्र शाकम्बर सिंह रावत का बीते छः अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी के दौरान आकस्मिक निधन हो गया था। मृतक हवलदार यशपाल 2002 में 19 गढ़वाल राइफल में भर्ती हुए थे और इन दिनों यशपाल 48 राष्ट्रीय राइफल के 213 ट्रांजिट कैंप जम्मू में तैनात थे। वह बीते तीन अक्टूबर को ही छुट्टियां बिताकर वापस ड्यूटी पर लौटे थे। परिजनों ने बताया कि ड्यूटी ज्वाइन करने के दो दिन बाद पांच अक्तूबर को ब्रीफिंग के दौरान यशपाल को अचानक चक्कर आ गया था और वह जमीन पर गिर गए। जिस पर सेना के अधिकारियों ने उन्हें पहले जम्मू में और फिर उधमपुर कमांड अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उनकी हालत लगातार बिगड़ती ही जा रही थी। जिस पर सेना के अधिकारियों ने उनकी पत्नी शोभा रावत को भी अस्पताल बुला लिया था। मृतक हवलदार अपने पीछे बेटे सुजल, बेटी सृष्टि, पत्नी शोभा के साथ ही पूरे परिवार को रोता-बिलखता छोड़ गए हैं।
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