उत्तराखंड: बड़ी योजना, बागेश्वर के जंगलों में लगेंगे अब ड्रोन कैमरा, इन पर रहेगी पैनी नजर
Bageshwar Forest Drone Camera: बागेश्वर के जंगलों में लगेंगे अब ड्रोन कैमरा, आइए जानते हैं क्या है पूरा प्लान…
उत्तराखंड के जंगल गर्मियां आते ही आग से धधकने लगते हैं । आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 80 प्रतिशत से ज्यादा आग लगने की घटनाएं प्राकृतिक नहीं बल्कि आम इंसान के द्वारा लगाए जाने के कारण होती है । वर्ष 2020 में लॉकडाउन लगाए जाने से आग की घटनाओं के रिकॉर्ड मे कमी आई थी लेकिन वर्ष 2021 मे हालात फिर बेकाबू हो गए थे। उत्तराखंड के जंगलों में लगने वाली आग से न केवल प्राकृतिक संपदा को नुकसान होता है बल्कि जनजीवन को भी भारी नुकसान पहुंचता है। उत्तराखंड की प्राकृतिक धरोहर को बनाए रखने के लिए इस बार बागेश्वर में वनों की रक्षा के लिए वन विभाग द्वारा पूरी तैयारी कर ली गई है। बता दें कि यहां पहली बार मास्ट्रर कंट्रोल रूम तैयार किया गया है जिसमें टीवी, इंटरनेट समेत सैटेलाइट की व्यवस्था की जा रही है। जिससे जिले के किसी भी जंगल में आग लगने पर घटना की जानकारी इस कंट्रोल रूम में मिल जाएगी, तथा जिस रेंज मे आग लगी होगी, वहां के वन कर्मचारियों को आग बुझाने के लिए भेजा जाएगा। आग बुझाने की सारी जानकारी इंटरनेट के माध्यम से अपलोड की जाएगी। ताकि उत्तराखंड के जंगलों को आग से बचाया जा सके। बताते चलें कि 15 फरवरी से 15 जून का समय जंगल में फायर सीजन का होता है लेकिन हर वर्ष बागेश्वर के जंगलों में फायर सीजन के पहले ही आग लगने की घटना शुरू हो जाती है।
(Bageshwar Forest Drone Camera)
यह भी पढ़ें- पहाड़ो में चीड़ की पत्ती( पिरूल) बनेगा रोजगार का साधन बचेंगे आग से पहाड़ो के जंगल रुकेगा पलायन
हमेशा से सीमित संसाधनों के चलते वन विभाग द्वारा आग पर चाह कर भी काबू नहीं किया जाता है। लेकिन इस बार वन विभाग द्वारा जंगलों को आग से बचाने के लिए बहुत सी नई व्यवस्थाएं बनाईं गई है। बता दें कि इस बार वनों को आग से बचाने के लिए लीफ ब्लोअर और ड्रोन कैमरे की सहायता ली जाएगी। बताते चलें कि जिले के छह रेंजों में 29 क्रू स्टेशन बनाए गए है तथा इसके साथ ही 87 फायर वॉचरों की तैनाती भी की गई है। वन विभाग विभाग के वन दरोगा और वन रक्षक भी जंगलों की सुरक्षा के लिए तत्पर रहेंगे। बागेश्वर के डीएफओ हिमांशु बागरी का कहना है कि विभाग इस बार जंगल की आग पर काबू पाने के लिए लीफ ब्लोअर का इस्तेमाल करेगा। ड्रोन और लीफ ब्लोअर के लिये लगभग 7 लाख रुपये तक का बजट विभाग को मिला है। आचार संहिता हटने के बाद ड्रोन और लीफ ब्लोअर बागेश्वर के जंगलों को आग से बचाव करते हुए नजर आएंगे। डिवीजन में मास्टर कंट्रोल रूम भी बनाया गया है जहां से यह पता लगाया जा सकेगा कि आग कहां कहां पर लगी है। इसकी पूर्ण जानकारी कंट्रोल रूम के द्वारा मिलेगी। लीफ ब्लोअर का इस्तेमाल जिले में पहली बार किया जा रहा है।
(Bageshwar Forest Drone Camera)
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड: धधकती आग के बीच मौत से जिंदगी की जंग लड़कर सतबीर ने बचा लिया अपनी बहनों को