उत्तराखंड रोडवेज बसों में किराया (Uttarakhand Roadways Bus Fare) कम करने पर सहमति बनी, अब कैबिनेट में रखा जाएगा प्रस्ताव, अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री द्वारा लिया जाएगा
कोविड -19 के चलते उत्तराखंड सरकार ने सुरक्षा की दृष्टि से बसों में 50% सवारियां बैठाने और उसके एवज में किराया (Uttarakhand Roadways Bus Fare) दो गुना कर दिया। जिससे बहुत कम यात्री रोडवेज बसों का उपयोग करते थे। हालांकि इसके पीछे लोगों में कोरोना का डर भी मुख्य था। रोडवेज ने 67 फीसदी किराया बढ़ाया पर अभी भी सीमित संख्या में बसें चल रही हैं। उत्तराखंड में अभी सुरक्षित शारीरिक दूरी के मद्देनजर बसों में कुल यात्री क्षमता के सापेक्ष 50 फीसद यात्री ही बैठाए जा रहे हैं और किराया निर्धारित से दोगुना लिया जा रहा है। लेकिन इस दौरान अंतरराज्यीय बस सेवाओं को स्थगित ही रखा जा रहा है। जहाँ एक ओर पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में बसें पूरी यात्री क्षमता के साथ चलाई जा रही हैं। वहीं, उत्तराखंड में अभी सुरक्षित शारीरिक दूरी को ध्यान में रखकर बसों में कुल यात्री क्षमता के सापेक्ष सिर्फ 50 फीसद यात्री ही बैठाए जा रहे हैं जिसके अनुरूप किराया निर्धारित से दोगुना लिया जा रहा है।
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अब 26 अगस्त की कैबिनेट में रोडवेज बस किराया कम करने सम्बधी प्रस्ताव को रखा जाएगा :
प्राप्त जानकारी के अनुसार सचिवालय में मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में बुधवार को बसों के अंतरराज्यीय संचालन को लेकर बैठक की गई। इस बैठक के अनुसार बसों का सितंबर तक का टैक्स माफ किया जाएगा जिसके लिए, मुख्य सचिव ने इस बाबत विभाग को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं। इस बैठक की सबसे अहम बात तो यह रहीं की प्रदेश में जब तक कोरोना संक्रमण का रिकवरी रेट 90 प्रतिशत तक नहीं हो जाता, तब तक अंतरराज्यीय बस सेवाओं को स्थगित ही रखा जाए। अभी अंतरराज्यीय बस सेवाएं शुरू करने से संक्रमण की तीव्रता बढ़ सकती है। यह भी निर्णय लिया गया कि प्रदेश में चल रही बसों में अब 50 के स्थान पर 75 फीसद यात्री बैठ सकेंगे और किराया भी दोगुना के स्थान पर डेढ़ गुना किया जाएगा। अब 26 अगस्त की कैबिनेट में इस प्रस्ताव को रखा जाएगा की बस किराया कम करके यात्रियों की संख्या बढ़ाई जाए। इसके साथ ही इस पुरे मामले में अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री द्वारा लिया जाएगा।
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