Connect with us
Uttarakhand Government Happy Independence Day
alt="Uttarakhand soldier bhuwan joshi died in arunachal pradesh"

उत्तराखण्ड

पिथौरागढ़

पिथौरागढ़: चार दिन बाद पैतृक गांव पहुंचा जवान का पार्थिव शरीर सैन्य सम्मान के साथ हुई अंत्येष्टि

ड्यूटी के दौरान अरूणाचल प्रदेश में हुआ था सूबेदार (Soldier) भुवन का आकस्मिक निधन, पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्कार..

अरूणाचल प्रदेश में ड्यूटी के दौरान हृदयाघात के कारण सूबेदार भुवन जोशी का आकस्मिक निधन हो गया था जिनका पार्थिव शरीर चार दिन बाद बीते शुक्रवार सुबह उनके पैतृक गांव मलान मितड़ा पहुंचा। पार्थिव शरीर के गांव पहुंचते ही परिजन बेसुध हो गए। परिजनों के रोने-बिलखने की चित्कार ने पूरे क्षेत्र को भावुक कर दिया। परिजनों के अंतिम दर्शन के बाद मृतक सूबेदार (Soldier) की अंतिम यात्रा निकाली गई और स्थानीय चरमगाड़ घाट पर उनका अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया। जहां मृतक के बड़े भाइयों आनंद जोशी एवं हरीश जोशी ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी। इससे पहले जवान के पार्थिव शरीर को लाने वाले सेना के जवानों ने अपने साथी को अंतिम विदाई दी, जिसके बाद सैन्य टुकड़ी ने मातमी धुन बजाकर सूबेदार को अंतिम सलामी दी। तत्पश्चात मां भारती का ये वीर सपूत सदा के लिए पंचतत्व में विलीन हो गया।


यह भी पढ़ें:- अरुणाचल प्रदेश में उत्तराखण्ड के जवान का आकस्मिक निधन, परिजनों में मचा कोहराम

मौसम खराब होने से चार दिन बाद पैतृक गांव पहुंचा पार्थिव शरीर, परिजनों की आंखों से नहीं थम रहे आंसू:-

गौरतलब है कि मूल रूप से राज्य के पिथौरागढ़ जिले के कनालीछीना ब्लाक के मलान मितड़ा गांव निवासी भुवन जोशी पुत्र सूबेदार प्रेम बल्लभ जोशी बीते सोमवार को हृदयाघात होने से उनका निधन हो गया था। मृतक भुवन भारतीय सेना की नाइन कुमांऊ में सूबेदार के पद पर तैनात थे और वर्तमान में उनकी पोस्टिंग अरूणाचल प्रदेश के तवांग में थी। बताया गया है कि जिस स्थान पर वह तैनात थे वहां का मौसम खराब होने से उनका पार्थिव शरीर चार दिन बाद बीते शुक्रवार सुबह उनके पैतृक गांव पहुंच पाया। सूबेदार (Soldier) के निधन की खबर से ही जहां परिजनों में कोहराम मचा हुआ था वहीं पार्थिव शरीर पहुंचने के बाद वह चित्कार में परिवर्तित हो गया। जिसने वहां मौजूद सभी ग्रामीणों की आंखों में भी आंसू ला दिए। सभी परिजनों का जहां रो-रोकर बुरा था वहीं मृतक की पत्नी गीता जोशी, पुत्री दीया जोशी और पुत्र सचिन जोशी की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। गमहीन माहौल में दोपहर बाद पैतृक घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।


यह भी पढ़ें– उत्तराखण्ड: पिता पहाड़ में चलाते हैं दुकान…और बेटी वैशाली बनी सेना में लेफ्टिनेंट

More in उत्तराखण्ड

UTTARAKHAND GOVT JOBS

Advertisement Enter ad code here

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Advertisement Enter ad code here

Lates News

deneme bonusu casino siteleri deneme bonusu veren siteler deneme bonusu veren siteler casino slot siteleri bahis siteleri casino siteleri bahis siteleri canlı bahis siteleri grandpashabet
To Top