Srishti Baniyal Uttarakhand judge result: पौडी जनपद के कोटद्वार की बेटी ने पिता को खोया मगर नही खोया कभी अपना हौसला जज बनकर अपने स्वर्गीय पिता का सपना किया पूरा……… ….
Srishti Baniyal Uttarakhand judge result राज्य की होनहार और काबिल बेटियां आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। अपने कठिन परिश्रम और काबिलियत के जरिए वह ऊंचा मुकाम हासिल कर पूरे प्रदेश में अपने माता-पिता का मान बढ़ा रही है और उन्हें गौरवान्वित महसूस करवा रही है। हम आपको आए दिन प्रदेश की काबिल बेटियों से रूबरू करवाते रहते हैं। इस ही कड़ी मे आज हम आपको ऐसी ही एक और बेटी से रूबरू करवाने वाले हैं जिन्होंने अपने पिता को खोया लेकिन कभी भी अपना हौसला नहीं खोया। जी हां… हम बात कर रहे है पौड़ी जनपद के कोटद्वार शहर की रहने वाली सृष्टि बनियाल की जिन्होंने उत्तराखंड पीसीएस जे की मुश्किल परीक्षा को उत्तीर्ण कर अपना और अपने स्वर्गीय पिता का सपना पूरा किया है। जिस विषम परिस्थिति में अक्सर लोग टूट जाते है उस स्थित मे भी इस बेटी ने कभी खुद को और अपने स्वर्गीय पिता के सपनो को कभी टूटने नही दिया। आज सृष्टि के स्वर्गीय पिता जहां भी होंगे वह अपनी बेटी पर आज बड़ा गर्व महसूस कर रहे होंगे।
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इस अभूतपूर्व उपलब्धि को हासिल करने वाली सृष्टि ने मीडिया से बातचीत में बताया की बचपन से ही उन्हें स्कूल में वाद- विवाद प्रतियोगिताओं में बहुत रुचि रही जिसे देखकर उनके पिता ने ही उन्हें लॉ के क्षेत्र में जाने की सलाह दी थी। आपको बता दें सृष्टि के पिता का सपना था कि सृष्टि एलएलबी करने के बाद जज बने और समाज के वंचित तबके को न्याय दिला सके लेकिन तैयारी के बीच में ही सृष्टि के पिता इस दुनिया को अलविदा कह गए। बावजूद इसके भी सृष्टि ने अपना और अपने पिता का सपना अधूरा नही रहने दिया। सृष्टि ने पीसीएस- जे के परीक्षा उत्तीर्ण कर जज पद का मुकाम हासिल किया है और इसी के साथ वह अपने स्वर्गीय पिता को याद करते हुए बड़ी भावुक हो गई और कहने लगी की आज अगर पापा होते तो वह कितना ज्यादा खुश होते। आपको बता दे सृष्टि ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से 5 वर्षीय इंटीग्रेटेड बी – ए एलएलबी वर्ष 2022 मे पूरी की थी और इसमें सृष्टि ने सिल्वर मेडल भी हासिल किया था। वर्तमान में वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय से ही एल एल एम की पढ़ाई कर रही है।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार सृष्टि के पिता स्वर्गीय गोपाल कृष्ण बनियाल बीईएल हरिद्वार से सेना सेवानिवृत्त हुए थे और पिछले वर्ष ही फरवरी में उनका फेफड़े के कैंसर की वजह से निधन हो गया था। पिता का सिर से साया उठने के बाद भी इस होनहार बेटी ने कभी हार नहीं मानी और अपने पिता और अपने सपनों को हासिल करने के लिए जी तोड़ मेहनत करी और पहले ही प्रयास में उनकी जी तोड़ मेहनत रंग लाई और वह जज बन गई। सृष्टि ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित न्यायिक सेवा सिविल न्यायाधीश (पीसीएस-जे) परीक्षा अपनी मेहनत और लगन के जरिए उत्तीर्ण की है। सृष्टि का कहना है कि पीसीएस के परीक्षा मुश्किल है लेकिन नामुमकिन नहीं है और सबसे खास बात यह है कि विधि की दुनिया में दिनोंदिन आ रहे नए बदलावों और अपडेट्स को लेकर हमेशा जागरूक रहे। साथ ही कानून की व्यावहारिकता को अपने जीवन में जोड़कर देखें कि कैसे रियल लाइफ में कानून काम कर रहा है।