Ranikhet Marriage News: दोनों परिवारों में मचा कोहराम, मातम में बदली शादी की सारी खुशियां, दुल्हन की डोली की जगह उठी दूल्हे की अर्थी…
पिताजी की सेहत ठीक नहीं थी… मैं और मेरी मां, उनकी देखभाल के लिए घर पर रुकी हुई थी। बड़े भाई समीर की शादी की रस्में बड़े धूमधाम से चल रही थी। हम लोग विडियो काल के जरिए रानीखेत में हो रही भाई की शादी देख रहे थे। ऐसा लग रहा था जैसे हम रानीखेत में ही मौजूद हैं। पिता और मां के साथ ही मैं भी बड़ी खुश थी। शाम 6 बजे भैय्या भाभी के शादी के सात फेरों संपन्न होते ही मम्मी पापा को बधाई दी लेकिन तभी…..। इतना कहते ही समीर की छोटी बहन स्वाति का गला भर आया और आंखें छलक उठीं। रूंधे हुए गले से वह आगे कहने लगी कि अचानक बिगड़ी समीर की तबीयत से हम सब सकते में आ गए। चूंकि वह एक डाक्टर है तो उन्होंने तत्काल रिश्तेदारों से ग्लूकोज, रक्तचाप और ईसीजी की जांच कराने के लिए कहा। सहसा समीर की एक चीख निकली और सब कुछ खत्म हो गया। जिस घर से चंद मिनटों बाद डोली उठने वाली थी, वहां से दूल्हे समीर की अर्थी उठानी पड़ी। शादी की सारी खुशियां मातम में तब्दील हो गया।
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बता दें कि तीन दिन बीत जाने के बाद भी परिजनों को इस बात पर विश्वास नहीं हो रहा है कि चंद पलों में ही सब कुछ खत्म हो सकता है। समीर भले ही अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन परिजन इस बात पर भी विश्वास नहीं कर पा रहे हैं। परंतु गाहे बगाहे सच तो स्वीकारना ही पड़ता है। वो कहते हैं ना कि नियती के आगे किसी की नहीं चलती। आपको बता दें कि इस समय नियती के इसी क्रूर दंश को झेल रहा समीर उपाध्याय का परिवार मूल रूप से राज्य के पिथौरागढ़ जिले के रहने वाले हैं। वर्तमान में उनका परिवार नैनीताल जिले के कठघरिया में रहता है। बताते चलें कि डॉक्टर समीर उपाध्याय, हल्द्वानी के मैट्रिक्स हास्पिटल में डेंटिस्ट थे। शुक्रवार को उनकी बारात श्रीधरगंज रानीखेत गई थी। इस दौरान परिजनों के नाम पर उनके साथ केवल उनकी बड़ी बहन श्रृद्धा ही मौजूद थीं।
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गौरतलब है कि शादी के साथ फेरे लेने के बाद एकाएक आए हार्ट अटैक से समीर की अकस्मात मौत हो गई थी। जिसके बाद से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। वैवाहिक कार्यक्रम में मौजूद लोगों के अनुसार, फेरे होने के बाद समीर के सीने में दर्द हुआ तो अस्पताल ले गए परन्तु वह पल भर में ही क्रूर काल का ग्रास बन चुके थे। बीते शनिवार को डॉ. समीर की अंत्येष्टि रानीबाग चित्रशिला घाट पर हुई। चाचा ने मुखाग्नि दी। आपको बता दें कि इस दुखद खबर से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। जिस घर को खूब सजाया गया था, परिजन नववधू के स्वागत का इंतजार कर रहे थे, महिला संगीत और रिसेप्शन की तैयारी की थी, वहां अब केवल और केवल सन्नाटा पसरा हुआ है। हर कोई घटना सुन स्तब्ध है।
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बात दुल्हन की करें तो चंद मिनटों पहले शादी के जोड़े में काफी सजी संवरी वधु की खुशियों पर जैसे कुठाराघात ही हुआ हों। इस घटना से वधू पक्ष में एक बार फिर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। दरअसल 20 वर्ष पूर्व दुल्हन के पिता, जो कि एक पूर्व सैनिक थे, भी अचानक लापता हो गए थे। जिसके बाद से आज तक उनका कोई पता नहीं चल सका है। घर पर मां ने ही दुल्हन बनी युवती और उसकी दो अन्य बहनों का लालन पालन किया। बड़े संघर्षों से उन्हें पढ़ाया लिखाया। परंतु जैसे ही वह अपनी बेटी के हाथ पीले कर उसे बाबुल के घर से विदा करने जा रही थी उसी समय नियति ने उस पर एक बार फिर अपना कहर बरपा दिया है। इस हृदयविदारक खबर से पूरे क्षेत्र में कोहराम मचा हुआ है। हर कोई पीड़ित परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट कर नियति को दोष दे रहा है। परंतु इससे अधिक किया भी क्या जा सकता है शायद नियति को कुछ और ही मंजूर था।
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