Leopard Attack Champawat Uttarakhand: पहाड़ में थम नहीं रहा जंगली जानवरों का आतंक, अब जंगल में चारा लेने गई गई महिला को बनाया अपना निवाला, परिजनों में कोहराम, क्षेत्र में दहशत का माहौल…
राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ वर्षों पहले तक खेती के दुश्मन समझे जाने वाले जंगली जानवर अब ग्रामीणों को भी अपना निवाला बनाने लगे हैं। आए दिन जंगली जानवरों द्वारा ग्रामीणों पर हमले की दुखद खबरें सामने आ रही है। ऐसी ही एक खबर आज फिर राज्य के चम्पावत जिले से आ रही है जहां जंगल में चारा लेने गई एक महिला को आदमखोर तेंदुए ने अपना निवाला बना लिया। मृतका की उम्र मात्र 26 वर्ष बताई गई है। घटना की खबर से जहां मृतका के परिवार में कोहराम मचा हुआ है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है वहीं दो मासूम बच्चों के सिर से मां का साया भी उठ गया है। उधर दूसरी ओर तेंदुए के हमले की खबर से समूचे क्षेत्र में दहशत का माहौल है। दहशतग्रस्त ग्रामीणों ने वन विभाग से पीड़ित परिवार को मुआवजा देने के साथ ही आदमखोर तेंदुए को मारने की मांग की है।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के चम्पावत जिले के नघान गांव निवासी चंद्रा जोशी पत्नी चूंणामणी जोशी, गांव की ही एक अन्य महिला नंदा देवी के साथ रोज की तरह सोमवार को भी रिख्वाड़ी के जंगल में पालतू पशुओं के लिए चारा-पत्ती लेने गई थी। बताया गया है कि इसी दौरान वहां पहले से मौजूद एक आदमखोर तेंदुए ने चन्द्रा पर हमला कर दिया और उसे मुंह में दबोचकर घसीटते हुए जंगल की ओर ले जाने लगा। चंद्रा के साथ गई नंदा ने किसी तरह वहां से भागकर अपनी जान बचाई और गांव पहुंचकर ग्रामीणों को घटना की जानकारी दी। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम घटनास्थल की ओर रवाना हो गई है। फिलहाल अभी तक मृतका का शव बरामद नहीं हो पाया है। ग्रामीणों के मुताबिक मृतका चंद्रा अपने पीछे दो मासूम बच्चों को भी रोते बिलखते छोड़ गई है। उसकी बड़ी बेटी सात साल की है जबकि पांच साल का एक मासूम बेटा है। विदित हो कि बीते छः दिसंबर को इसी क्षेत्र के ढकना बड़ोला गांव की महिला 35 वर्षीय मीना देवी को भी तेंदुए ने अपना निवाला बनाया था।
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