Madhav Bhardwaj UPSC Exam: माधव ने उत्तीर्ण की यूपीएससी परीक्षा, कड़ी मेहनत और लगन से पाया मुकाम
गौरतलब हो कि संघ लोक सेवा आयोग ने मंगलवार को सिविल सेवा 2022 परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है। देश के विभिन्न हिस्सों के साथ ही उत्तराखंड के होनहार युवाओं ने भी इन परीक्षा परिणामों में अपनी काबिलियत का डंका बजाया है। जिसमें मसूरी के कैमल बैक कृष्णा कॉटेज निवासी माधव भारद्वाज भी शामिल है। बता दें कि माधव भारद्वाज ने अपनी मेहनत एवं लगन से यूपीएससी परीक्षा में 536 वी रैंक हासिल की है। बताते चलें कि उन्होंने यह सफलता दिन में 8 घंटे नौकरी तथा रात को 4 से 5 घंटे पढ़ाई करके हासिल की है। माधव कि इस उपलब्धि से जहां उनके परिवार तथा क्षेत्र में खुशी की लहर है। वही घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।
(Madhav Bhardwaj UPSC Exam)
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अभी तक मिली जानकारी के अनुसार मसूरी के कैमल बैक कृष्णा कॉटेज निवासी माधव भारद्वाज ने यूपीएससी सिविल परीक्षा में 536 वी रैंक हासिल करके उत्तराखंड को गौरवान्वित किया है। बता दे कि माधव के हाथो मे बचपन से ही कुछ समस्या थी। लेकिन उन्होंने अपने इस कमजोरी को कभी जाहिर नहीं किया। माधव ने प्राइमरी तक की पढ़ाई मॉडर्न स्कूल मसूरी से की है। इसके बाद की पढ़ाई वाइन वर्ग मॉडर्न स्कूल से पूर्ण की। माधव ने हाई स्कूल की परीक्षा में उत्तराखंड में सातवां स्थान प्राप्त किया था तथा अपने स्कूल के टॉपर रहे थे। माधव ने 12वीं के बाद एनआईटी की परीक्षा उत्तीर्ण कर प्रयागराज से कंप्यूटर साइंस में बीटेक की पढ़ाई पूर्ण की। इसके बाद इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अहमदाबाद से एमबीए किया। इस दौरान उन्होंने फ्रांस में रहकर भी अन्य कोर्स किया। वर्ष 2020 में एमबीए करने के पश्चात उनकी जॉब माइक्रोसॉफ्ट में लग गई। लेकिन कोरोना काल की वजह से उन्हें घर पर रहकर वर्क फ्रॉम होम करना पड़ा । जॉब करने के साथ ही उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी भी शुरू कर दी दिन भर नौकरी तथा रात में यूपीएससी की तैयारी की। 3 साल तैयारी करने के पश्चात उनके हाथ सफलता लगी है।
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अपनी इस सफलता पर माधव का कहना है कि उन्होंने अपने पहले प्रयास में मात्र तीन नंबरों से असफलता का सामना किया लेकिन फिर भी हार ना मानते हुए दोबारा प्रयास किया जिसमें उनका साथ उनके माता-पिता ने दिया। माधव के पिता राजकुमार भारद्वाज सेना से सेवानिवृत्त होकर एलबीएस एकेडमी मसूरी मे रिसर्च एसोसिएट के पद पर तैनात हैं। माधव के पिता का कहना है कि माधव के हाथों में बचपन से ही दिक्कत है लेकिन वह अन्य लोगों की भांति सभी काम कर लेते हैं तथा वाहन भी चला लेते हैं उन्हें कभी इस बात का आभास नहीं हुआ कि उनके बेटे के हाथ अन्य लोगों की तरह सामान्य नहीं है। माधव की इस अपार सफलता से परिवार के लोगों के साथ ही क्षेत्र तथा उत्तराखंड के लोगों को भी उन पर गर्व है।
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