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Chandrashekhar Joshi of pithoragarh Shailesh Matiyani Award 2023
फोटो सोशल मीडिया

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बधाई: पिथौरागढ़ के प्रधानाध्यापक चंद्रशेखर जोशी को मिलेगा शैलेश मटियानी पुरस्कार

Chandrashekhar Joshi Shailesh Matiyani: राष्ट्रीय स्तर पर दिलाई दूरस्थ क्षेत्र में स्थित विद्यालय को पहचान, अपने वेतन से किया कक्ष का निर्माण, खरीदें कम्प्यूटर और अन्य उपकरण, अब मिलेगा राज्य का सर्वोच्च शैक्षिक पुरस्कार…

Chandrashekhar Joshi Shailesh Matiyani
उत्तराखण्ड सरकार ने बीते दिनों वर्ष 2023 के लिए शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार की घोषणा कर दी है। इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले अध्यापकों की सूची में सीमांत पिथौरागढ़ जिले के राजकीय आदर्श विद्यालय जाजर चिंगरी के प्रधानाध्यापक चंद्रशेखर जोशी भी शामिल हैं जिन्होंने इंडोर किचन गार्डन सहित अन्य शैक्षिक गतिविधियों में अभिनव प्रयोग कर दूरस्थ क्षेत्र में स्थित इस विद्यालय को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। यह उन्हीं के अथक प्रयासों का परिणाम है कि दूरस्थ क्षेत्र में स्थित होने के बावजूद इस विद्यालय के बच्चे कम्प्यूटर का भी अच्छा ज्ञान रखते हैं। इसके लिए प्रधानाध्यापक चन्द्रशेखर जोशी ने अपने वेतन से न केवल विद्यालय में कक्ष निर्माण किया बल्कि कंप्यूटर, प्रोजेक्टर, स्मार्ट क्लास, रोजगारपरक शिक्षा, ईको क्लब, बैग फ्री डे आदि नवाचार और कार्य से राष्ट्रीय स्तर पर विद्यालय की पहचान बनाने के साथ ही विद्यार्थियों को टेक्नोलॉजी से रूबरू कराने का भी हरसंभव प्रयास किया।
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Shailesh Matiyani Award
आपको बता दें कि चंद्रशेखर जोशी वर्ष 1990 से 2005 तक वकालत करने के बाद राजकीय प्राथमिक विद्यालय अल्काथल डीडीहाट में शिक्षक नियुक्त थे। इस दौरान उन्होंने जहां विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए अनेक सराहनीय कार्य किए वहीं बच्चों के मन की बात तरंग पत्रिका के माध्यम से लोगों तक पहुंचाई। तदोपरांत वर्ष 2017 में पदोन्नत होकर वह जाजरचिंगरी प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक बने। इस विद्यालय की जिम्मेदारी संभालने के बाद उनके द्वारा किए गए अथक प्रयासों का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दूरस्थ क्षेत्र में स्थित इस विद्यालय को न केवल बालिका शिक्षा के लिए पुरस्कार मिल चुका है बल्कि शिक्षा मंत्रालय, मुख्यमंत्री और शिक्षा निदेशक की ओर से भी विद्यालय को पुरस्कृत किया जा चुका है। इतना ही नहीं उन्होंने विद्यालय में मध्याह्न भोजन में पौष्टिक आहार के लिए इंडोर किचन गार्डन भी तैयार किया है जिसमें वह मशरूम उत्पादन कर चुके हैं। उनके इस‌ अभिनय प्रयोग को न केवल शिक्षा विभाग ने सराहा है बल्कि बिहार समेत देश के विभिन्न विद्यालयों में इसे लागू भी किया गया है। सबसे खास बात तो यह है कि वह वर्ष में एक माह का वेतन दान करते हैं और शरीर दान और नेत्रदान का संकल्प पत्र भी भर चुके हैं।

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