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Pauri jila panchayat scam
सांकेतिक फोटो Pauri jila panchayat scam

UTTARAKHAND NEWS

पौड़ी गढ़वाल

पौड़ी जिला पंचायत में 75 लाख का सफाई घोटाला 3 सदस्यीय जांच समिति गठित Pauri sanitation scam

Pauri jila panchayat scam: पौड़ी जिला पंचायत में 75 लाख का सफाई घोटाला, डीएम ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की

Pauri jila panchayat scam: उत्तराखंड में भ्रष्टाचार की जड़ें अपनी पैठ कितनी गहरी जमा चुकी है इसका अंदाजा आए दिन सामने आने वाली खबरों से आसानी से लगाया जा सकता है। ऐसी ही जिला पंचायत पौड़ी की एक खबर इन दिनों में चर्चाओं में हैं जहां एक बार फिर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आए हैं। इस बार मामला 75 लाख रुपये की रकम को एक उपनल सफाई कर्मचारी की पत्नी के खाते में ट्रांसफर करने का है, जो जिले के विभिन्न विकासखंडों में सफाई कार्यों के लिए जारी की गई थी। ऑडिट रिपोर्ट और सूचना के अधिकार (RTI) से सामने आए इस प्रकरण ने पंचायत प्रणाली की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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गोपनीय टेंडरों में पारदर्शिता का अभाव Pauri Garhwal district panchayat scam uttarakhand

अभी तक मिल रही जानकारी के अनुसार, जनवरी से सितंबर 2023 के बीच जिला पंचायत पौड़ी के सभी 15 विकासखंडों में बिना सार्वजनिक जानकारी के सफाई के टेंडर जारी किए गए। टेंडर स्वीकृति की प्रक्रिया में एक निलंबित वरिष्ठ अधिकारी की संदिग्ध भूमिका सामने आई है, जिन्होंने उपनल कर्मचारी किशोर की पत्नी नीलम के नाम पर बैंक खाता लेकर उसी से टेंडर स्वीकृत करवा दिया। इस महिला के बैंक खाते में 75 लाख रुपये की सरकारी राशि सफाई कार्यों के नाम पर भेजी गई। मामले का खुलासा तब हुआ जब स्थानीय निवासी और RTI कार्यकर्ता करन रावत ने सूचना के अधिकार के तहत दस्तावेज़ प्राप्त किए।
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टेंडर में अनुभव और वैधानिकता की अनदेखी 75 lakh scam Pauri Garhwal

RTI जवाब में यह भी स्पष्ट हुआ कि केवल महिला ही नहीं, बल्कि उसी उपनल कर्मचारी के तीन पारिवारिक सदस्यों को भी अलग-अलग विकासखंडों में ठेकेदार बनाया गया, जबकि उनके पास न अनुभव था, न जीएसटी पंजीकरण, न ही कोई कानूनी दस्तावेज। बावजूद इसके, सफाई कार्यों के नाम पर उन्हें लाखों रुपये का भुगतान कर दिया गया। प्रत्येक विकासखंड में दो सफाईकर्मियों को 15,000 रुपये मासिक और 10 विशेष ड्यूटी कर्मियों को 1,000 रुपये प्रतिदिन (30,000 रुपये मासिक) भुगतान किया गया।
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ऑडिट रिपोर्ट और आरटीआई से उठा पर्दा Sanitation tender fraud Uttarakhand

मामले की पुष्टि वित्तीय वर्ष 2024–25 की ऑडिट रिपोर्ट में भी हुई, जिसमें उपनल कर्मचारी की पत्नी के खाते में संदेहास्पद भुगतान का उल्लेख है। यह जानकारी मिलने के बाद RTI कार्यकर्ता करन रावत ने मामले की शिकायत गढ़वाल आयुक्त को भेजी, जिसके बाद मामले की पत्रावली जिलाधिकारी पौड़ी को प्रेषित की गई।
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डीएम ने गठित की तीन सदस्यीय जांच समिति UPNL tender scam in pauri Garhwal

घोटाले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने मुख्य विकास अधिकारी पौड़ी की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। इसमें—
मुख्य विकास अधिकारी, पौड़ी – अध्यक्ष
उपजिलाधिकारी यमकेश्वर – सदस्य
मुख्य कोषाधिकारी, पौड़ी – सदस्य
को नामित किया गया है। यह समिति पूरे प्रकरण की गहन जांच कर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि: “जांच रिपोर्ट मिलने के बाद दोषियों के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

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आरटीआई कार्यकर्ता ने की  विजिलेंस जांच की मांग Panchayat corruption Uttarakhand news 

सूचना के अधिकार से खुला यह मामला अब तेजी से तूल पकड़ रहा है। शिकायतकर्ता करन रावत का कहना है कि—
“यह सिर्फ एक वित्तीय गड़बड़ी नहीं, बल्कि सुनियोजित घोटाला है। पूरे प्रकरण की विजिलेंस जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ FIR दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाए।”
पौड़ी जिला पंचायत में सामने आया यह मामला ना केवल सरकारी धन की बंदरबांट को दर्शाता है, बल्कि टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता की गंभीर कमी को भी उजागर करता है। जांच समिति की रिपोर्ट इस मामले का रुख तय करेगी, लेकिन तब तक प्रशासन और पंचायत प्रणाली की साख दांव पर है।
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