उत्तराखंड की बेटियाँ आज हर क्षेत्र में अपना एक विशेष नाम रखती है , उन्ही नामो में से एक है, आरुषि पोखरियाल निशंक जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित भारतीय शास्त्रीय कथक नृत्यांगना है। आरुषि एक शास्त्रीय कथक नृत्यांगना के साथ साथ एक कुशल फिल्म निर्मात्री व कवित्री भी है। कहा जाये तो वो बहुमुखी प्रतिभा की धनी है। इंटरनेशनल मैगजीन फोर्ब्स मिडल ईस्ट के ‘गर्ल्स पावर अंक’ में भी आरुषि पोखरियाल को जगह मिल चुकी है। महिला सशक्तीकरण और समाजसेवा के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने की वजह से आरुषि को ये सम्मान मिला है। आर .जे गौरव भट्ट ने देवभूमि दर्शन के साथ बात चित में बताया की आरुषि पोखरियाल के साथ यह साक्षात्कार काफी अच्छा और यादगार रहा। आप भी जानिए देहरादून के रेडियो स्टेशन 93.5 एफ.एम स्टूडियो में आरजे गौरव के साथ खाश बात चित में क्या कहती है, आरुषि पोखरियाल निशंक।
यह भी पढ़े –उत्तराखण्ड के पहले रेडियो स्टेशन के लॉन्चिंग अवसर पर अभिनेत्री विद्या बालन बेडु पाको बारामासा पर झूम उठी
कथक नृत्यांगना के साथ साथ सामजिक कार्यो में भी अग्रणी : पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक की बेटी होने के बावजूद भी आरुषि ने अपना मुकाम खुद तय किया हैं। आरुषि पोखरियाल ने बहुत बार मीडिया को खाश बातचीत में बताया है, कि उनकी राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है। बकौल आरुषी पिता रमेश पोखरियाल निशंक की राजनीतिक विरासत से उन्हें कोई सरोकार नहीं और वह भारतीय कला व संस्कृति को ही विश्व में प्रसारित करना चाहती हैं। सबसे खाश बात तो ये है की प्रसिद्ध कत्थक नर्तक पंडित बिरजू महाराज और उनकी शिष्या पूर्णिमा पांडे से कत्थक की बारीकियां सीख चुकी आरुषि देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों में अब तक कत्थक की प्रस्तुति दे चुकी हैं। इस से पूर्व जनवरी 2018 में दुबई में यूएई मीडिया द्वारा आरुषि को भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सम्मानित किया गया था। इसके साथ ही सामजिक कार्यो में भी वो अग्रणी रहती है जसमे की गंगा की स्वच्छता के लिए नमामि गंगे स्पर्श गंगा अभियान का भी वो प्रतिनिधित्व कर चुकी है। आरुषि पोखरियाल ने प्रधानमंत्री के नमामि गंगे योजना को सफल बनाने के लिए इस संस्था द्वारा पूरे देश में अनेको कार्यक्रम किए गए जिससे लोगों को जागरूक किया गया है।