लोगों के दिलों को छू रहा है लोकगायक रजनीकांत सेमवाल का खूबसूरत गीत भग्यानी बो (bhagyani bo)..
आज उत्तराखंड की सस्कृति को यहाँ के युवा अपने नए अंदाज में पेश कर रहे है आप भी रोजाना सोशल मीडिया पर देखते ही होंगे आज के युवक और युवतिया अपने पहाड़ के लोकगीतों को गिटार इत्यादि के माध्यम से नया रूप देकर अपनी विलुप्त होती संस्कृति को बचाने का प्रयास कर रहे है। उत्तराखण्ड के प्रसिद्द लोकगायक रजनीकांत सेमवाल भी उत्तराखण्ड लोकगीतों में अपना एक विशेष नाम रखते है। जी हां उत्तरकाशी के रजनीकांत सेमवाल इस बार एक बेहतरीन पेशकश के साथ एक नए पहाड़ी गीत को लेकर सभी के बीच आए हैं। जिसको नाम दिया गया है “भग्यानी बो” (bhagyani bo) इसको उत्तरकाशी के जखोल गांव की खूबसूरत वादियों के बीच फिल्माया गया है। पूरे गीत में पहाड़ की संस्कृति ,परम्परा और यहाँ की सुन्दर वादियों को नए अंदाज में पेश करने में कोई भी कमी नहीं छोड़ी गयी है। कैमरे और म्यूजिक का ऐसा तालमेल देखने को मिलेगा की इसकी छवि हमेशा के लिए दिल में बैठ जाए।
गायक – रजनीकांत सेमवाल
संगीत – गुंजन डंगवाल
निर्माता -रजनीकांत सेमवाल और गोविन्द नेगी
शैलेन्द्र पटवाल और पूजा भंडारी ने इस गीत (bhagyani bo) में अपनी अदाकारी से हर किसी का दिल जीतने का काम किया है। गीत की सबसे बड़ी खासियत तो ये है की पूरा गीत ठेठ पहाड़ी लोकगीत है। गीत में पहाड़ के पटालो से बने घर आंगनों में जिस तरह से लोग आपस में गोल घेरा बनाकर नृत्य करते हैं, उसे भी बड़ी खूबसूरती से इस गीत में पेश किया गया है। रजनीकांत सेमवाल एंड टीम ने गीत के लिए काफी मेहनत की है जो जरूर रंग लाएगी। गीत पांच दिनों के अंदर 2 लाख व्यूज ले चूका है आपको भी ये गीत पसंद आए तो शेयर करना ना भूलिएगा।
2 Comments