मशहूर भजन गायिका अनुराधा पौडवाल (Anuradha Paudwal) के बेटे आदित्य (Aditya Paudwal) का अस्पताल में निधन, लम्बे समय से जूझ रहे थे किडनी की समस्या से..
इस वर्ष बॉलीवुड और सिनेमा जगत से जुड़े कलाकारों की दुखद खबर ही सुन ने को मिल रही है , इस वक्त की सबसे बड़ी खबर म्यूजिक इंडस्ट्री से आ रही है जहां सुप्रसिद्ध भजन गायिका अनुराधा पौडवाल (Anuradha Paudwal) पर एक बार फिर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उनके 35 वर्षीय बेटे आदित्य पौडवाल (Aditya Paudwal) का शनिवार सुबह निधन हो गया। उनकी मौत का कारण किडनी फेल होना बताया जा रहा है। बताया गया है कि वे बीते कई महीने से बीमार चल रहे थे। वह काफी लंबे समय से किडनी की बीमारी से पीड़ित भी थे। जिसके कारण उन्हें किडनी की परेशानी के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बता दें कि आदित्य भी अपनी मां की राह पर चलते हुए एक गायिकी के क्षेत्र में थे। मां के साथ वह भी कई प्रसिद्ध भजन गा चुके थे। लेकिन आज सुबह संगीत का यह सितारा हमें सदैव के लिए छोड़कर चले गए। बताते चलें कि कोरोना महामारी से ग्रसित इस वर्ष 2020 में अब तक न जाने कितने ही बालीवुड अभिनेताओं, अभिनेत्रियों, सिने कलाकारों तथा प्रसिद्ध राजनेताओं का निधन हो चुका है। कलाकारों के लिए तो इस वर्ष को यदि सबसे मनहूस भी कहा जाए तो कुछ ग़लत नहीं होगा।
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मां की तरह गायिकी के क्षेत्र में आदित्य का भी जाना पहचाना नाम, भारत के सबसे कम उम्र के संगीत निर्देशक के रूप में ‘लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में दर्ज है आदित्य का नाम:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रसिद्ध भजन गायिका अनुराधा पौडवाल के बेटे आदित्य पौडवाल का शनिवार सुबह लम्बी बिमारी के बाद निधन हो गया। लम्बे समय से किडनी की समस्या से ग्रसित आदित्य भी अपनी मां की तरह भजन गायन के क्षेत्र में जानी-पहचानी हस्ती थे। वह एक कुशल संगीत निर्देशक भी थे। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि आदित्य का नाम भारत के सबसे कम उम्र के संगीत निर्देशक के रूप में ‘लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में भी शामिल है। आदित्य के निधन से अनुराधा पर एक बार फिर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। इससे पहले नब्बे के दशक में भी अनुराधा को दुखों का सामना करना पड़ा था जब एक हादसे में उनके पति और प्रसिद्ध संगीतकार अरूण पौडवाल का निधन हो गया था। उस समय अनुराधा अपने कैरियर के सर्वोच्च शिखर पर थी। लेकिन पति के अकस्मात निधन होने से वह बुरी तरह टूट गई। पति के निधन के कुछ वर्षों बाद अनुराधा ने जैसे तैसे हिम्मत बांधकर खुद को संभाला और बच्चों का लालन-पालन करने के साथ ही एक बार फिर से गायन के क्षेत्र में उभर आई। संगीत के क्षेत्र में उनके अहम योगदान के लिए अनुराधा को साल 2017 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया गया।
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