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उत्तराखंड के अगले CM की दौड़ में शामिल हैं धन सिंह रावत का नाम, जानिए इनका राजनैतिक सफर
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Uttarakhand: मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल हैं धन सिंह रावत (Dhan Singh Rawat) का नाम, हाईकमान की मंजूरी के बाद विधायक दल की बैठक में होगा अंतिम फैसला
चुनाव परिणामों की घोषणा होने के बाद अब नई सरकार के गठन की कवायद लगभग शुरू हो चुकी है। निवर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत उत्तराखण्ड भाजपा के कई बड़े नेता दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। भाजपा हाईकमान में जहां नए मुख्यमंत्री को लेकर गहन चिंतन चल रहा है वहीं अब चारों ओर बस इसी बात की चर्चाएं हो रही है कि राज्य (Uttarakhand) का बारहवां मुख्यमंत्री कौन होगा? बात सियासी गलियारों में चल रहे नामों की करें तो निवर्तमान कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत (Dhan Singh Rawat) भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं। वह खुद भले ही सीएम पद की रेस में शामिल होने से इंकार कर चुके हों परन्तु सियासी गलियारों में पुष्कर सिंह धामी के साथ ही उनका नाम भी बड़ जोर-शोर से तैर रहा है। उनके साथ ही राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, लोकसभा सांसद अजय भट्ट के भी नया मुख्यमंत्री बनने की चर्चाएं जोरों पर है। बात अगर धन सिंह रावत की करें तो पुष्कर धामी के बाद उन्हें सीएम पद का प्रमुख दावेदार बताया जा रहा है। इस बात को इसलिए भी बल मिल रहा है कि धन सिंह रावत कालेज के समय से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हुए हैं, छात्र राजनीति में वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में भी कई अहम जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। बहरहाल नया मुख्यमंत्री कौन होगा ये तो होली के बाद देहरादून में होने वाली विधायक दल की बैठक के बाद ही पता चलेगा। खबर है कि विधायक दल की यह बैठक 19 मार्च को होने जा रही है ।
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राम मंदिर आंदोलन के साथ ही राज्य आंदोलन के दौरान भी धन सिंह रावत ने निभाई थी सक्रिय भूमिका, दो बार गए थे जेल:-
बता दें कि नए मुख्यमंत्री की कुर्सी की दौड़ में दूसरी बार विधायक बने धन सिंह रावत (Dhan Singh Rawat) का नाम भी शामिल हैं है। सात अक्तूबर 1971 को राज्य (Uttarakhand) के पौड़ी गढ़वाल जनपद के हेमलेट गांव में जन्मे धन सिंह रावत का वर्तमान में जिले की ही श्रीनगर से विधायक है। वह उत्तराखंड भाजपा में संगठन मंत्री के पद पर भी रह चुके हैं। राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान सक्रिय रहे धन सिंह रावत ने राज्य आंदोलन के दौरान भी अपनी सक्रिय भूमिका निभाई थी। इस दौरान वह दो बार जेल भी गए थे। उन्होंने बाल विवाह विरोधी और शराब निषेध जैसे आंदोलनों में भी बढ़-चढ़कर भाग लिया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के माध्यम से छात्र जीवन में ही राजनीति में कदम रखने वाले धन सिंह रावत ने राजनीति विज्ञान से ही पीएचडी भी की है। एबीवीपी में वह प्रदेश मंत्री और प्रदेश संगठन मंत्री पद की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व अभी उत्तराखंड संगठन में बदलाव के मूड में नहीं है, इससे यह भी तय होता है कि नया मुख्यमंत्री ठाकुर बिरादरी से ताल्लुक रखने वाला ही कोई होगा, अन्यथा की स्थिति में भाजपा को अपने प्रदेश अध्यक्ष पद पर भी बदलाव करना होगा। इस परिप्रेक्ष्य में भी धन सिंह रावत पूरी तरह खड़े उतर रहे हैं।
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