प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी जोहार महोत्सव का भव्य आयोजन 10 व 11 नवंबर को प्रस्तावित किया गया था। जोहार महोत्सव के लिए जोहार सांस्कृतिक एवं वेलफेयर सोसायटी ने अपनी तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ी। बता दे की जोहारी शौका समाज का नौवां जोहार महोत्सव 10 और 11 नवंबर को हल्द्वानी के एमबी इंटर कॉलेज परिसर में किया गया। दोनहरिया स्थित जोहार मिलन केंद्र में जगह की कमी की वजह से इस बार एमबी इंटर कॉलेज मैदान में महोत्सव का आयोजन किया गया था।
उत्तराखंड के पारंपरिक मांगल गीत ‘दैंणा हुंय्या, खोलि का गणेशा’ से उदघाटन हुआ। जोहार सांस्कृतिक एवं वेलफेयर सोसायटी के सांस्कृतिक सचिव नवीन टोलिया है , उन्होंने इस साल शौका समाज की कला और संस्कृति को संजोये रखने के लिए इस महोत्सव को और वृहद रूप दिया । जैसे की अब शौका समाज की कला और संस्कृति को जानने समझने की उत्सुकता लोगों में बढ़ने लगी है। इसका अंदाजा पिछले साल जोहार महोत्सव में उमड़ी लोगों की भीड़ को देखकर लगाया जा सकता है। समाज की कला व संस्कृति को अधिक से अधिक लोगों को रूबरू कराने के लिए इस बार जोहार महोत्सव को और भव्य बनाने के लिए आयोजन को और वृहद स्तर पर किया गया । इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार आयोजन स्थल के लिए एमबी इंटर कॉलेज के मैदान को चुना गया था , जिससे लोगों की भीड़ पहुंचने में कोई असुविधा न हो।
यह भी पढ़े–जोहार महोत्सव हल्द्वानी में अपने गीत से छा गया नन्हा दक्ष कार्की, अपना स्नेह और आशीर्वाद दे उत्तराखण्ड के कलाकरो की रही दमदार पेशकश- जोहार महोत्सव में उत्तराखण्ड के जाने माने संगीतकारों की भी यहाँ पेशकश देखने को मिली – सुप्रसिद्ध लोकगायक अमित सागर , जीतेन्द्र सिंह तोमक्याल , गोविन्द दिगारी ,प्रहलाद मेहरा, कैलाश कुमार ,चंद्रप्रकाश व सुप्रसिद्ध लोकगायिका खुशी जोशी इत्यादि महोत्सव में मौजूद थे। इसके साथ ही सीमांत क्षेत्र के खाद्य पदार्थों, जड़ी-बूटी व ऊनी वस्त्रों के स्टाल लगाए गए। जोहार महोत्सव में लोगो का भरपूर मनोरंजन तो हुआ ही साथ में जोहारी शौका समाज की संस्कृति से भी लोग रूबरू हुए। इस दौरान जोहारी शौका वेशभूषा एवं वाद्य यंत्रों की आकर्षक झांकी, जोहारी शौका वेशभूषा में ढुस्का, चांचरी, जोहारी शौका गौरव सम्मान, छितकू-हिवांल सांस्कृतिक समिति दरकोट की प्रस्तुति, जोहारी शौका व्यंजन प्रतियोगिता हुई।