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उत्तराखण्ड

यह है पहाड़ का स्मार्ट कॉलेज लेकिन विद्यालय में प्रधानाचार्य समेत पाँच शिक्षकों के पद लम्बे समय से रिक्त





पहाड़ो से पलायन में अपनी मुख्य भूमिका निभा रहे है यहां की असुविधाएं जिनमे शिक्षा प्रणाली से संबंधित विद्यालय भी है। जहाँ पहाड़ो में विद्यालयों में शिक्षकों के पद  लम्बे समय से रिक्त है , जिसका सीधा खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ता है।  बता दे की  प्रदेश की डबल इंजन की सरकार प्रदेश को शिक्षा हब बनाने के लाख दावे क्यों ना करे, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। जी हाँ बागेश्वर जिले के अंतर्गत प्रमुख विद्यालय राजकीय इंटर कॉलेज गरुड़ को आदर्श कालेज का दर्जा प्राप्त है। लेकिन यहां आदर्श जैसा कुछ नजर नहीं आता है। यहां प्रधानाचार्य समेत इंटर स्तर में विज्ञान वर्ग के महत्वपूर्ण विषयों के तीन और एलटी के पांच विषयों के शिक्षकों के पद रिक्त चल रहे हैं।




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सरकार और शिक्षा विभाग ने इन रिक्त पदों पर लंबे समय से नियुक्ति नहीं की है। जिससे यहां अध्ययनरत 305 बच्चों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। आखिर ऐसी स्थति में पहाड़ के लोग पलायन के लिए क्यों ना मजबूर हो। शिक्षकों के अभाव में यहां से बच्चे दूसरे विद्यालयों में जाने को मजबूर हो गए हैं। इस असुविधा और शिक्षकों की कमी की सर्वाधिक मार गरीब तबके पर पड़ रही है, जो प्राइवेट स्कूलों में महंगी  फीस देने में अक्षम हैं। शिक्षकों की नियुक्ति न होने से अभिभावकों में तीव्र रोष व्याप्त है। गरुड़ के स्थानीय निवासी मनोज पांडये जिनके बच्चे  खुद इस विद्यालय में पढ़ते है , उन्होंने अपनी परेशानी बयाँ करते हुए कहा की अन्य अभिभावकों ने अक्टूबर माह के अंत तक शिक्षकों की नियुक्ति न होने पर नवंबर से उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

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